मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना में राज्य के 20 जिलों के करीब 300 बच्चों की दिल के छेद से संबंधित स्क्रीनिंग की गयी। इसमें बेगूसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल, वैशाली और पश्चिमी चंपारण जिले के बच्चे शामिल हुए।
हृदय में छेद वाले बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रही है योजना :
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि बाल ह्रदय योजना जन्म से ह्रदय में छेद वाले बच्चों के लिए संजीविनी साबित हो रही है। राज्य सरकार हर स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रयासरत है। मासूम बच्चों को सरकार द्वारा यह सुविधा प्रदान कर ऐसी जटिल स्थिति से उबरने में सहायता कर रही है। कार्यपालक निदेशक ने संस्थान का दौरा कर उपलब्ध सुविधाओं और बच्चों की स्क्रीनिंग का जायजा लिया और सभी जरुरी जानकारी प्राप्त की।
स्क्रीनिंग से लेकर आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन:
बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है।
योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसके लिए 13 फरवरी, 2020 को बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था। प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जबकि बच्चों की शुरूआती स्क्रीनिंग से लेकर बच्चों के आने-जाने का खर्च बिहार सरकार वहन करती है। अहमदाबाद के डॉ. मनोज भिमानी ने इसे “दिल विदाउट बिल” योजना कहकर भी संबोधित किया।
सत्य साईं हार्ट अस्पताल के चिकित्सकों ने की स्क्रीनिंग : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य सलाहकार मो. इम्तियाज़ुद्दीन ने बताया कि शुक्रवार को बच्चों की स्क्रीनिंग प्रशांति फाऊंडेशन के तहत आने वाले सत्य साईं हार्ट अस्पताल, अहमदाबाद के चिकित्सकों द्वारा की गयी। जबकि शनिवार को इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में भी बच्चों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान एवं इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भी होती है जाँच : प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन के साथ एमओयू साइन होने के बाद 10 मार्च, 2021 इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना एवं इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में बाल ह्रदय योजना के तहत बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है।
इस अवसर पर इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील कुमार, सहायक निदेशक डॉ. स्मिता सिंह, डॉ. अनूप, डॉ. बिनोद कुमार सिंह, डॉ. एन.के अग्रवाल, डॉ. वीरेंद्र कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग के ओएसडी सतीश कुमार एवं सत्य साईं हार्ट अस्पताल, अहमदाबाद के डॉ. मनोज भिमानी एवं अन्य चिकित्सक मौजूद थे।
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