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बिहार के इस जिले में 1,610 विद्यालयों के हेडमास्टरों का वेतन रुका, जानें क्या है वजह

पटना : बिहार के शिक्षा विभाग को दुरुस्त करने के लिए केके पाठक ने जिस तरह की सख्त नियम बनाए थे, उनके जाने के बाद भी इन नियमों में जरा सी भी ढील नहीं दी गई है. इसी क्रम में बिहार के औरंगाबाद में 1,610 विद्यालयों के हेडमास्टर और प्रभारी प्रधानाध्यापकों के वेतन को रोक दिया गया है. कहा गया है कि ई शिक्षा कोष पोर्टल पर 80% से कम स्टूडेंट की एंट्री हुई है. इसी को लेकर औरंगाबाद के 1610 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक का वेतन तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया गया है।

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शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना की ओर से इस कार्रवाई को लेकर एक पत्र जारी किया गया है. पत्र में वेतन बंद करने का कारण भी बताया गया है. पत्र में कहा गया है कि सभी 1610 स्कूलों के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापकों की तरफ से ई शिक्षा कोष पोर्टल पर नामांकित बच्चों की 80% से कम एंट्री की गई है, जबकि विभागीय निर्देशानुसार शत प्रतिशत एंट्री की जानी है. इस कारण से विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोका जाता है।

जानकारी के मुताबिक, औरंगाबाद के दाउदनगर प्रखंड के 109, गोह प्रखंड के 163, औरंगाबाद प्रखंड के 147, रफीगंज प्रखंड के 209, ओबरा प्रखंड के 135, नबीनगर प्रखंड के 232, कुटुंबा प्रखंड के 135, देव प्रखंड के 124, हसपुरा प्रखंड के 102, मदनपुर प्रखंड के 116 और बारुण प्रखंड के 138 प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया है. शिक्षा विभाग की ओर से अगले आदेश तक वेतन रुका रहेगा. इस कार्रवाई से अन्य जिलों के प्रधानाध्यापक सावधान हो गए हैं।

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