कटिहार : बिहार में पुलों के टूट कर तबाह होने का सिलसिला थम नहीं रहा। एक के बाद एक पुल टूट कर बिखर रहे हैं या पानी में बह कर ध्वस्त हो रहे हैं। नया मामला कटिहार से है जहां एक निर्माणाधीण पुल का एक हिस्सा ढलाई के दस दिनों बाद ही पानी में बह गया।
यह मामला बरारी प्रखंड की बकिया सुखाय पंचायत के वार्ड संख्या 12/13/14 के अन्तर्गत बकिया गांव का है। सुखाय घाट पर गंगा की धारा में मुख्यमंत्री योजना के तहत निर्माण किये जा रहे पुल के दो पाये बुधवार को कटाव की भेट चढ़ गए। दोनों पाये गंगा नदी में समा गये हैं। बिहार में पुलों का टूटना और बह जाना राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है। लालू, तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के सभी नेता नीतीश सरकार को इसे लेकर घेरते रहते हैं।
इस मामले में बकिया सुखाय पंचायत के पूर्व मुखिया पति सुबोध मंडल ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि और कटाव के कारण निर्माणाधीन पुल के दो पाये टूटकर नदी में समा गए हैं। उन्होंने बताया कि पुल के पाया के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था इसी वजह से दो पाये गंगा नदी में समा गए हैं। मामले में बाढ़ नियंत्रण विभाग के कटिहार प्रक्षेत्र के मुख्य अभियंता ने बताया कि बकिया सुखाय गांव के समीप गंगा का कटाव होने के कारण नदी की धारा ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा बनाए जा रहे पुल के समीप आ गयी। बताया जा रहा है कि दस दिन पहले ही ढलाई हुई थी। इतने कम दिनों में पुल का पाया बह जाने की घटना को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। लोग विभाग के अभियंताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।
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