बक्सर: लोकसभा चुनाव ने एक-तिहाई रास्ता तय कर लिया है. अबतक हुए तीन चरणों में देशभर की 283 लोकसभा सीटों यानी सरकार बनाने लायक सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. अब आगे की लड़ाई पर सभी का फोकस है।
इसी कड़ी में पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा का नाम भी जुड़ गया. बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा ने वीआरएस लेकर बीजेपी ज्वाइन की थी। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी से उनको टिकट जरूर मिलेगा. बीजेपी ने बक्सर के सिटिंग सांसद अश्विनी चौबे का टिकट तो काटा लेकिन पूर्व आईपीएस की जगह मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतार दिया। जिसके बाद अब पूर्व IPS आनंद मिश्रा ने पार्टी से बगावत कर दी है।
पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने मंगलवार (07 मई) को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर बक्सर सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. आनंद मिश्रा के समर्थन में बक्सर के ऐतिहासिक किला मैदान में हजारों समर्थक पहुंचे. नामांकन दाखिल करने के बाद आनंद मिश्रा ने प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि जो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है यदि वह विजन सफल हो जाता है तो देश को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है. मैं उनकी सारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर उनके हाथों को मजबूत करूंगा. इस दौरान उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मुझे डराने धमकाने के साथ ही पैसे का ऑफर देकर चुनाव नहीं लड़ने का दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन न तो मैं डरने वाला हूं और ना ही बिकने वाला हूं।
उन्होंने आगे कहा कि इस बार बक्सर जीतेगा और पूरे बक्सर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की जनता इस बार आनंदमय होगी. आनंद मिश्रा के साथ ही पूर्व मंत्री ददन पहलवान यादव ने भी निर्दलीय ताल ठोक दी है. ददन पहलवान को बक्सर के सामाजिक समीकरण पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग के लोग मुझे प्यार करते हैं. विधानसभा में कई बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता कर मुझे विधानसभा भेजा है. इस बार भी जनता का अपार प्यार मुझे मिलेगा। बता दें कि इस सीट से एनडीए की ओर से बीजेपी प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी और महागठबंधन की ओर से राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह मैदान में हैं. आनंद मिश्रा और ददन पहलवान ने मुकाबले को और ज्यादा दिलचस्प बना दिया है।
बक्सर संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख छह हजार चार मतदाता हैं. इस सीट पर ब्राह्मण 3.75 लाख हैं, तो यादव मतदाता लगभग 3.40 लाख हैं. वहीं राजपूत जाति के 2.90 लाख के करीब मतदाता है. भूमिहार जाति की भी अच्छी खासी आबादी है. भूमिहार मतदाता 2.20 लाख के करीब हैं. मुसलमान मतदाता की आबादी करीब 1.30 लाख है. इसके अतिरिक्त कुर्मी, वैश्य, दलित, कुशवाहा सहित अन्य जातियों की भी अच्छी खासी आबादी है.
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