बिहार: कोरोना वायरस ने हर क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अब मैट्रिक परीक्षा पर भी दिख रहा है।इस बार जितने विद्यार्थिर्यों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, उससे एक लाख से अधिक छात्र मैट्रिक परीक्षा में शामिल नहीं होंगे।
मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए प्रदेश भर से कुल 17 लाख 49 हजार 187 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन इसमें 16 लाख 48 हजार 894 ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है। जबकि बोर्ड द्वारा कई बार परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि भी बढ़ाई गई हैं। लेकिन अब तक एक लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा फॉर्म नहीं भरा हैं।
जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा भी परीक्षा फॉर्म भरवाने की कोशिश की गई लेकिन इसके बावजूद छात्रों ने फॉर्म नहीं भरा हैं। रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फॉर्म में इस बार एक लाख 293 परीक्षार्थी का अंतर है। इतना अधिक अंतर कई सालों के बाद इस बार हुआ है।सबसे ज्यादा अंतर पूर्वी चंपारण में है। पूर्वी चंपारण में 88 हजार 346 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन परीक्षा फॉर्म 73 हजार 417 छात्रों ने ही करवाया है। मुजफ्फरपुर जिला से 81 हजार 289 परीक्षार्थी ने मैट्रिक के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन इसमें 67 हजार 794 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है। वहीं मधुबनी जिले से 72 हजार 550 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन इसमें मात्र 60 हजार 453 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है। यहीं स्थिति सीतामढ़ी की है। सीतामढ़ी में 57653 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, लेकिन 45748 छात्रों ने परीक्षा फॉर्म भरा है। ये वो जिलें है जहां पर अंतर दस हजार से अधिक है। पूर्णिया- 7785, अररिया- 5767, कटिहार- 7947, बेगूसराय- 6409, भागलपुर- 6525, सुपौल- 5770, वैशाली- 8351, पश्चिम चंपारण- 7003, दरभंगा- 7866, समस्तीपुर- 9393, पटना- 7295, रोहतास- 5323, गया- 6273, सारण- 7152गोपालगंज- 4213, सीवान- 4764, अरवल- 1365, जहानाबाद- 1753, औरंगाबाद- 4386, नवादा- 3920, कैमूर- 4517, बक्सर- 4109, भोजपुर- 4698, नालंदा- 4706, किशनगंज- 4387, मुंगेर- 2695, जमुई- 3679, लखीसराय- 1615, शेखपुरा- 1069, खगड़िया- 3935, बांका- 4635, सहरसा- 4435, मधेपुरा- 4771खबर के अनुसार, जिन छात्रों को 2022 में परीक्षा देनी थी उन्होंने 2020 में रजिस्ट्रेशन करवाया था। बोर्ड की मानें तो यह स्थिति हर जिले की है। पटना जिला में भी 73834 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन 66539 परीक्षार्थियों ने ही फॉर्म भरे हैं। ऐसा इसलिए इस स्सल हुआ हैं क्योंकि कोरोना वायरस हर तरह से कारण साबित हुआ हैं।
कोरोना काल में बहुत से परिवारों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिस कारण छात्रों ने आर्थिक दिक्कतों के कारण फॉर्म नहीं भर पाए हैं। कोरोना से कई छात्रों के माता या पिता की मृत्यु हो जाना भी कारण हैं। तो कहीं खुद कई छात्र कोरोना से संक्रमित हो गए। परीक्षा की तैयारी नहीं होने के कारण तथा सालभर ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहने के कारण भी बहुत-से छात्रों ने फॉर्म नहीं भरा हैं।
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