महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा “योग प्रभाव ” पर एक विशिष्ट व्याख्यान तथा “योग अनप्लग्ड 2025” के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया. यह समापन समारोह डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रशासनिक भवन में संपन्न हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विश्वविद्यालय खेल बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. संजय श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

अपने संबोधन में कुलपति ने विश्वविद्यालय में खेल और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों में छात्रों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और बताया कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही खेल कोटा के माध्यम से छात्र नामांकन शुरू करेगा. उन्होंने यह भी घोषणा की कि खेल सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.



प्रो. श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि जहाँ एक ओर पश्चिमी दुनिया ने योग के शारीरिक पक्ष पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, वहीं हमें इसके गहन आध्यात्मिक पक्ष को समझना और आत्मसात करना चाहिए, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत की मूल आत्मा है.



प्रो. प्रसून दत्ता सिंह, मानवीकी एवं भाषा अध्ययन विद्याशाखा के अधिष्ठाता ने “योग प्रभाव” पर मुख्य वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि योग न केवल शरीर की साधना है, बल्कि यह भावनात्मक स्थिरता, आंतरिक संतुलन और सामाजिक समरसता को भी विकसित करता है. उन्होंने कहा कि “योग आत्मा के साथ शरीर, दिव्यता के साथ जीवन, और व्यक्ति के साथ ब्रह्मांड के एकत्व का प्रतीक है.


प्रो. शिरीष मिश्रा, विश्वविद्यालय खेल बोर्ड के उपाध्यक्ष, ने योग अनप्लग्ड की मूल भावना को रेखांकित करते हुए कहा कि योग केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है जो संतुलन, शक्ति और शांति का पोषण करता है.समारोह में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया.


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