बिहार के तकरीबन 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों के बेहतर तथा गुणवत्तापूर्ण संचालन का जिम्मा राज्य मुख्यालय स्तर के 17 अफसरों को सौंपा है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना पदाधिकारी असंगबा चुबा आओ ने इन्हें जिलों का नोडल पदाधिकारी बनाते हुए अपना प्रतिनिधि मनोनीत किया है।
ये अफसर नियमित तौर पर अपने प्रभार के जिलों में जाएंगे और जिला स्तरीय कार्यालयों की क्रय समिति के अनुपालन में बतौर बीईपी एसपीडी प्रतिनिधि की भूमिका निभाएंगे। बिहार राज्य शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा ही राज्य में समग्र शिक्षा का संचालन किया जाता है। इसकी योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर वित्तीय अनुशासन तक का जिम्मा नोडल अफसरों के कंधों पर होगा।
दरअसल, बीईपी ने पहले से ही जिलेवार पदाधिकारी नामित कर रखा था लेकिन जून के अंत में बिहार शिक्षा सेवा के बड़ी संख्या में पदाधिकारियों के तबादले हुए हैं। इनमें बीईपी से भी कई पुराने अफसर कहीं और गये तथा कुछ नए अफसर बीईपी में आये। ऐसे में निदेशक द्वारा जिम्मेवारी पुनर्निर्धारित की गई है। ये अफसर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा शिक्षा तथा शिक्षण के उन्नयन के लिए संचालित योजनाओं को धरातल पर उतारने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के साथ ही इनकी मॉनिटरिंग भी करेंगे।
निदेशक ने अपर राज्य परियोजना निदेशकों, रविशंकर सिंह को रोहतास एवं कैमूर जबकि किरण कुमारी को समस्तीपुर एवं वैशाली का प्रभार दिया है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारियों में रश्मि रेखा को नालंदा एवं नवादा, लालिमा को अरवल एवं पटना, मो. असगर अली को पूर्वी-पश्चिमी चंपारण तथा मुजफ्फरपुर, मो. इम्त्याज आलम को पूर्णिया एवं कटिहार, कुमार अरविंद सिन्हा को भोजपुर एवं बक्सर, असैनिक कार्य प्रबंधक भोला प्रसाद सिंह को बेगूसराय एवं खगड़िया।
मुख्य लेखा पदाधिकारी रमण कुमार को सीतामढ़ी एवं शिवहर, अपर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी प्रभात किशोर को लखीसराय एवं शेखपुरा, उदय कुमार को मुंगेर एवं जमुई, शाहिद मोबीन को सीवान, गोपालगंज, सारण, जितेन्द्र पासवान को भागलपुर व बांका, शुंभू प्रसाद को जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, प्र‘‘ाद प्रसाद गुप्ता को सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, विजय कुमार तरुण को अररिया एवं किशनगंज तथा शशिभूषण गुप्ता को मधुबनी एवं दरभंगा का जिम्मा दिया गया है।
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