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आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक मैथिली में होगी पढ़ाई

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत सभी भारतीय भाषाओं में आंगनबाड़ी केंद्र से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की पढ़ाई को लेकर पाठ्य सामग्री तैयार करायी जा रही है. इसे लेकर भारतीय भाषा संवर्द्धन समिति के तत्वावधान में मैथिली भाषा में पाठ्य सामग्री तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को नोडल विश्वविद्यालय बनाया है. स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के प्रो. अशोक कुमार मेहता को भारतीय भाषा संवर्द्धन समिति (मैथिली) का नोडल प्रतिनिधि बनाया गया है.

मैथिली भाषा में पाठ्य सामग्री की उपलब्धता के लिए उन्मुखीकरण एवं सम्यक रूपरेखा तैयार करने के लिए ऑनलाइन बैठक हुई. इसमें विश्वविद्यालय समन्वयक एवं समन्वय समिति के सदस्यों ने भाग लिया. बैठक में भारतीय भाषा संवर्द्धन समिति के डॉ चन्दन श्रीवास्तव बतौर संसाधन पुरुष शामिल हुये. उन्होंने योजना के कार्यरूप एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया से सदस्यों काे अवगत कराया.

बैठक में ड्रॉफ्ट किए गए रोड मैप के अनुसार प्रारंभिक चरण में विश्वविद्यालय समन्वय समिति मैथिली साहित्यकारों और समीक्षकों की सूची तैयार करेंगे. इनमें विश्वविद्यालय के इच्छुक शिक्षक, बाह्य शिक्षक व विशेषज्ञ शामिल होंगे.

बैठक में प्रो. अशोक कुमार मेहता, पीजी हेड सह विश्वविद्यालय समन्वयक प्रो. दमन कुमार झा, प्रो. अशोक कुमार झा ‘अविचल’ (कोल्हाण विश्वविद्यालय, चाइबासा), प्रो. सुधीर कुमार ‘सुमन’ (पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया), डॉ अरविन्द कुमार मिलन, डॉ सुरेश पासवान, डॉ रघुवीर रंजन एवं डॉ अभिलाषा कुमारी उपस्थित रही.

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