बिहार में कोविड-19 के साथ ही चमकी बुखार अथवा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) व जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) की एक साथ निगरानी की जाएगी। बिहार में कोविड- 19 संक्रमण की चौथी लहर की आशंका को देख स्वास्थ्य विभाग बीमारी के नियंत्रण की व्यवस्था में जुट गया है।
कोरोना महामारी की निगरानी और नियत्रंण को लेकर राज्य स्तर पर नियत्रंण कक्ष की स्थापना की गई है। स्वास्थ्य सेवा स्तर के निदेशक प्रमुख से लेकर अपर निदेशक जिले के नोडल पदाधिकारी बनाये गए हैं। जो, हर दिन शाम को स्वास्थ्य विभाग को संबंधित जिले में कोरोना की स्थिति से अवगत कराएंगे। एईएस और जेई प्रभावित 12 जिलों में कोविड की निगरानी को लेकर प्रतिनियुक्त नोडल अफसर इन दोनों बीमा’रियों पर भी नजर रखेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन एक्सई की भारत में दस्तक देने के साथ ही चौथी लहर की आशंका बढ़ने लगी है। दिल्ली, गाजियाबाद समेत कई शहरों से संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर है। पिछली बार की तुलना में इस बार बच्चों के संक्रमित होने के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। राज्य सरकार ने ऐहतियात बरतना शुरू कर दिया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार एक पदाधिकारी को एक से लेकर तीन-तीन जिलों का प्रभार सौंपा गया है। साथ ही इनके मोबाइल नम्बर को भी जारी किया गया है। नोडल पदाधिकारी आवंटित जिले में कोविड के बढ़ते मामले एवं नियंत्रण से संबंधित सभी कामों की निगरानी करेंगे। हर रोज शाम को सिविल सर्जन से वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त कर विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) प्रत्यय अमृत को रिपोर्ट देंगे। किसी प्रकार की समस्या की जानकारी होने पर समाधान की दिशा में कार्य करेंगे।
विभाग ने पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, सारण, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और शिवहर जिले में एईएस व जेई की निगरानी की व्यवस्था की है। नोडल पदाधिकारी इन बीमारियों से बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों में जिलों के अधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे।
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