बिहार के पहले एक्सप्रेस-वे आमस-दरभंगा के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। चार पैकेज में बनने वाली इस सड़क के दो पैकेज का टेंडर पूरा हो गया है। सबसे कम बोली लगाने वाली एजेंसी का चयन कर लिया गया है। अब कागजी प्रक्रिया पूरी कर एजेंसी दो माह के अंदर निर्माण कार्य शुरू करेगी। जिस पैकेज का टेंडर हो गया है, उसका निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, भारतमाला परियोजना के तहत आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पर काम हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे के दो पैकेज की मंजूरी हाल ही में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय ने दी है। औरंगाबाद से जयनगर तक बन रहे इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत औरंगाबाद के मदनपुर से हो रही है। यह सड़क फोरलेन होगी। गया एयरपोर्ट के बगल से होते हुए जीटी रोड को भी इस सड़क से संपर्कता प्रदान होगी। गया से यह जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से गुजरते हुए पटना में कच्ची दरगाह में मिलेगी। यहां से बिदुपुर के बीच बन रहे छह लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ के पूरब होते हुए ताजपुर जाएगी। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के समीप से गुजरते हुए जयनगर में समाप्त होगी। औरंगाबाद से जयनगर तक की यह कुल सड़क 271 किलोमीटर लंबी होगी। यह सड़क पटना सहित प्रदेश के 6 जिलों से होकर गुजरेगी।
इस सड़क के बनने से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जाएगा। उत्तर व दक्षिण बिहार के बीच सीधी संपर्कता होगी। कच्ची दरगाह बिदुपुर के बीच बन रहे पुल के माध्यम से यह वैशाली में प्रवेश करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बख्तियारपुर-ताजपुर पुल को ताजपुर तक जोड़ने को कहा है।ऐसे में इस सड़क की उपयोगिता और बढ़ जाएगी। वैशाली से समस्तीपुर व दरभंगा होते हुए नेपाल सीमा पर जाकर जयनगर में यह सड़क खत्म होगी। इस तरह फोरलेन बनने वाली यह सड़क पटना के अलावा औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली व मधुबनी से होकर गुजरेगी।
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा, ‘आमस-दरभंगा के दो पैकेज का टेंडर हो गया है। एजेंसी की ओर से कागजी कार्रवाई की जा रही है। उम्मीद है कि दो महीने के भीतर इस एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हो जाएगा।’
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