बिहार के 5 करोड़ सात लाख बच्चों को 7 नवंबर को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल की टिकिया खिलायी जाएगी। उसी दिन राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। उस दिन किसी कारणवश दवा खाने से छूट गए बच्चों को 11 नवंबर को मॉप-अप राउंड के तहत दवा खिलायी जाएगी।
जमीनी स्तर पर करें क्रियान्वित
राज्य सरकार ने इसे अभियान के रूप में क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। राज्य स्वास्थय समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाने के कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है।
राज्य के 32 जिलों में 1 से 19 साल के बच्चों को कृमिनाशक दवा देने का कार्यक्रम तय किया गया है। शेष छह जिलों में चूंकि चार माह पूर्व फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दवाएं खिलायी गयी है, इसलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है।
अभियान के तहत 32 जिलों के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों एवं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पोस्टर, बैनर, पंपलेट और माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। जिससे कोई भी बच्चा एल्बेंडाजोल की टिकिया खाने से छूट ना पाए।
छह जिलों में नहीं चलेगा अभियान
राज्य के छह जिलों लखीसराय, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, रोहतास एवं दरभंगा में 7 जुलाई से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम अभियान में फाइलेरिया रोकथाम की दवा खिलाई गयी थी। सूत्रों ने बताया कि अभियान के तहत राज्य के सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सहित अन्य तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों को भी एल्बेंडाजोल की टिकिया खिलायी जाएगी। कार्यपालक निदेशक श्री सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को विशेष रूप से तकनीकी संस्थानों के 19 वर्ष तक के छात्रों को भी एल्बेंडाजोल की खुराक देने को कहा है।
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