बिहार के 8 जिलों में राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल ह’त्याकांड के समर्थन में जश्न मनाने वाले आईएसएसआई का वीडियो सबसे ज्यादा सर्च किया जा रहा है। इनमें मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, किशनगंज जैसे जिले शामिल हैं।
खुफिया विभाग ने संबंधित जिला अधिकारियों को इस संबंध में अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों को जिलों में सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और जरूरी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा कन्हैयालाल हत्याकांड का जश्न मनाकर इसका वीडियो वायरल किया गया।
खुफिया विभाग के मुताबिक आईएसआईएस के आतं’कियों द्वारा कन्हैयालाल और पूर्व में हुए कमलेश तिवारी हत्याकां’ड पर जश्न मनाते हुए वीडियो इंटरनेट पर पोस्ट किया गया। इस जश्न में दूसरे आतंकी संगठन के आतं’कवादी भी शामिल हुए।
वीडियो को मुजफ्फरपुर, किशनगंज, दरभंगा, सीतामढ़ी समेत आठ जिलों में सबसे ज्यादा सर्च किया जा रहा है। इससे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरह के वीडियो से माहौल बिगाड़ने की सुनियोजित साजिश हो रही है। इन जिलों में ये वीडियो चैटिंग के साधनों के अलावा सोशल साइट के विभिन्न चैनलों से जारी किए गए हैं, जिनके स्रोत का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा संदिग्ध सोशल मीडिया ग्रुप्स को देखने और वीडियो पर टिप्पणी करने वालों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी पर हुए विवाद के बाद हुई थी दोनों ह’त्याएं
बता दें कि उदयपुर में 28 जून को मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नाम के दो युवकों ने दिनदहाड़े कन्हैयालाल टेलर की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। पुलिस ने दोनों को कुछ घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया। ह’त्यारों का पाकिस्तान और आतं’की संगठनों से लिंक भी सामने आया। आरो’पियों ने ह’त्या के तुरंत बाद वीडियो जारी कर कहा था कि कन्हैयालाल के मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट की गई थी, इसलिए उनकी ह’त्या की गई। नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद के खि’लाफ विवादित टिप्पणी करने के चलते बीजेपी से निष्कासित किया गया था।
वहीं, अक्टूबर 2019 में यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की दो लोगों ने उनके दफ्तर में ही निर्मम हत्या कर दी थी। कमलेश तिवारी के शरीर पर चाकू से कई वार किए गए, फिर उन्हें गोली मारी गई थी। हमलावरों ने बताया कि तिवारी ने पूर्व में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनकी हत्या की गई।
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