एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पी’ड़ितों की जांच को लेकर इलेक्ट्रोलाइट एनेलाइजर मशीन की खरीद होगी। स्वास्थ्य विभाग ने एईएस प्रभावित 12 जिलों को मशीन की खरीद की अनुमति दी है। पटना, गोपालगंज, सारण, सीवान, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी एवं वैशाली शामिल हैं। इस मशीन को सभी प्रभावित जिलों के सदर अस्पताल में लगाया जाएगा, जहां एईएस पी’ड़ित मरीज की तत्काल जांच की जा सकेगी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार एईएस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में मशीन की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए इसे स्थानीय बाजार से खरीदने की अनुमति दी गई है। सिविल सर्जन स्थानीय बाजार से इलेक्ट्रोलाइट एनेलाइजर मशीन खरीद कर उसे उपयोग में ला सकेंगे।
जानकारी के अनुसार अस्पतालों को दवा एवं उपकरण की आपूर्ति करने वाली संस्था बिहार मेडिकल आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा इलेक्ट्रोलाइट एनेलाइजर मशीन की खरीद को लेकर अबतक किसी दर का निर्धारण भी नहीं किया जा सका है। ऐसे में तत्काल की जरूरतें स्थानीय बाजार से खरीद कर पूरी की जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार एईएस पी’ड़ितों के इलाज को लेकर राज्य सरकार द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का निर्धारण किया गया है। इस एसओपी के तहत एईएस पी’ड़ित का सीरम इलेक्ट्रोलाइट जांच किया जाना अनिवार्य है। इस जांच के माध्यम से ही मरीज की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाता है और उसके अनुसार आवश्यक दवाएं दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इलेक्ट्रोलाइट एनेलाइजर मशीन की खरीद होने से उसका उपयोग सामान्य दिनों में सदर अस्पताल के नीकू एवं पीकू वार्ड में भर्ती बच्चों के इलाज के दौरान भी किया जा सकेगा।
इलेक्ट्रोलाइट रक्त में पाए जाने वाले तत्व हैं, जैसे कि सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड और बाइकार्बोनेट। इलेक्ट्रोलाइट टेस्ट इस बात को निर्धारित करता है कि कहीं हमारे खून में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित तो नहीं। कभी-कभी एक नियमित शारीरिक जांच के दौरान भी इस टेस्ट को किया जाता है। इलेक्ट्रोलाइट्स की जांच रक्त या मूत्र परीक्षण से की जा सकती है। रक्त परीक्षण रक्त के नमूने के साथ किया जाता है।
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