केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षकों की प्रोफेशनल ग्रोथ को नई दिशा देते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। अब सभी संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों और स्कूल लीडर्स को हर साल कम से कम 50 घंटे की सतत व्यावसायिक विकास (CPD) ट्रेनिंग पूरी करनी अनिवार्य होगी।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (NPST) के अनुरूप है। इस नए निर्देश के तहत, कुल 50 घंटों में से 25 घंटे की ट्रेनिंग CBSE या सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थानों से करनी होगी।

बाकी 25 घंटे इन-हाउस या स्थानीय सहयोगी कार्यक्रमों के ज़रिए पूरी की जा सकती है। तीन मुख्य फोकस क्षेत्र होंगे। जिसमें मुख्य मूल्य और नैतिकता (Core Values and Ethics): 12 घंटे, ज्ञान और अभ्यास (Knowledge and Practice): 24 घंटे और व्यावसायिक विकास और वृद्धि (Professional Growth and Development): 14 घंटे देने होंगे।

CBSE ने यह भी स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षा ड्यूटी, शोध कार्य, सम्मेलन में भागीदारी और डिजिटल कंटेंट डेवेलपमेंट जैसी गतिविधियों को भी CPD घंटों में शामिल किया जाएगा।


इस साल, बोर्ड ने STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) को वार्षिक प्रशिक्षण का प्रमुख विषय घोषित किया है। स्कूलों को STEM शिक्षण में नवाचार और विचार-विमर्श को बढ़ावा देने के लिए जिलास्तरीय चर्चाएं (DLDs) आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।


इसमें इन्क्वायरी-बेस्ड और इंटरडिसिप्लिनरी शिक्षण पद्धतियों पर विशेष जोर होगा। CBSE ने सभी स्कूल प्रमुखों से आह्वान किया है कि वे निरंतर सीखने और पेशेवर उत्कृष्टता की संस्कृति को स्कूलों में मजबूत करें और इस परिवर्तन की अगुवाई करें।

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