बिहार में नकली दवाओं के धंधे ने गंभीर रूप ले लिया है. मुजफ्फरपुर समेत पूरे प्रदेश में एंटीबायोटिक से लेकर बुखार की दवाओं तक की नकली खेप बाजार में पहुंच रही है.

औषधि नियंत्रण विभाग ने इस काले कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन बड़ी दवा कंपनियों पर केस दर्ज किया है. हाल ही में एक बड़ी कंपनी के नाम पर एनीमिया की नकली दवा पकड़ी गई है, जिसके मामले में भी जल्द ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा.



मुजफ्फरपुर के सहायक औषधि नियंत्रक उदय वल्लभ ने बताया कि बिहार, हिमाचल और महाराष्ट्र की तीन बड़ी कंपनियों के खिलाफ औषधि विभाग ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. पकड़ी गई नकली दवाओं के सैंपल को कोलकाता लैब में जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इन कंपनियों से लिखित जवाब मांगा जाएगा. साथ ही, जहां से नकली दवा वितरित की गई, उस दवा दुकान पर भी कार्रवाई होगी.



औषधि विभाग की जांच में कई कंपनियों के दवा सैंपल फेल पाए गए हैं. पिछले कुछ वर्षों में भी विभिन्न जांच एजेंसियों ने नकली दवाओं का पर्दाफाश किया है. दो साल पहले एसकेएमसीएच में इस्तेमाल की गई दवाओं के सैंपल जांच में फेल हुए थे. इसके अलावा सदर इलाके में एक दवा भी जांच में असफल रही थी.


वर्ष 2021 में जिला औषधि नियंत्रण विभाग ने 15 दवा कंपनियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे. ओडिशा की जांच टीम ने भी ओडिशा-पंजाब के कई इलाकों में नकली दवाओं की छापेमारी कर एक धंधेबाज को गिरफ्तार किया था. विशेषज्ञों का कहना है कि नकली दवाओं का यह धंधा जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए विभाग की कार्रवाई बेहद जरूरी है.


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