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पूछने पर कहा- सत्तू है, फिर जांच की तो होश फाख्ता हो गए

बिहार प्रदेश के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक किलो ब्राउन शुगर जब्त किया है, जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से तीन लाख रुपये नकद, एक डिजिटल तराजू, स्विफ्ट डिजायर कार और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.

जानकारी के अनुसार, पुलिस गश्त कर रही थी तभी मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन के पास तीन संदिग्ध युवक दिखाई दिए. पुलिस ने जब उनसे सवाल किया तो वे सही जवाब नहीं दे पाए और भागने की कोशिश करने लगे. पुलिस ने दो युवकों को पकड़ लिया, लेकिन एक युवक भागने में सफल रहा. जब पकड़े गए युवकों की तलाशी ली गई तो उनके पास एक पैकेट मिला जिसमें कुछ पाउडर था.

पूछने पर उन्होंने कहा कि यह सत्तू है, लेकिन पुलिस को शक हुआ. फिर डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की मदद ली गई. इसके बाद जांच में पता चला कि यह पाउडर ब्राउन शुगर है, जिसका वजन एक किलो है और इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपए है.

गिरफ्तार अपराधियों की पहचान मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) जिले के चिरैया थाना क्षेत्र के शीतलपट्टी के निवासी सुरेंद्र यादव के पुत्र जय प्रकाश कुमार (23), मधुबन थाना क्षेत्र के योगेंद्र शर्मा के पुत्र मुकेश कुमार (25), भोजपुर जिला के कृष्णा ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के राज नारायण राय के पुत्र अंकित कुमार और गया जिले के कोठी थाना क्षेत्र के चतरु साह के पुत्र संतोष कुमार गुप्ता के रूप में हुई है.

चारों आरोपियों को पुलिस द्वारा पूछताछ करने के बाद मुजफ्फरपुर के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस बीच गिरफ्तार इन सभी ने पुलिस पूछताछ में  बताया कि वे मणिपुर से ब्राउन शुगर लेकर मुजफ्फरपुर आए थे, और इससे पहले भी कई बार नशे की खेप ला चुके हैं. पुलिस द्वारा पकड़े गए ब्राउन शुगर को इन लोगों द्वारा गया  पहुंचाने के फिराक में थे, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया.

बिहार में शराबबंदी के बाद सूखे नशीले पदार्थ की बिक्री बिहार में धड़ल्ले से हो रहा है. शराबबंदी से पहले भी ड्रग्स का कारोबार  बिहार में काफी दिनों से फलता-फूलता रहा है. इस संबंध में पुलिस ने कई बार छापेमारी कर नशीले पदार्थों का खेप पकड़ी है. लेकिन सफेदपोश लोगों के संरक्षण में चल रहे इस अवैध कारोबारियों तक पहुंचने या सबूत नहीं मिलने के कारण इस अवैध धंधे पर लगाम लगाने में  बिहार पुलिस अक्षम साबित हो रही है.

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