पिछले पांच-छह सालों के दौरान भाजपा ने कई राज्यों में अपना विस्तार किया है। लेकिन तमिलनाडु अभी भी भाजपा के लिए कठिन बना हुआ है। तमिलनाडु की द्रविड़ राजनीति में भाजपा अकेले या सहयोगियों के दम पर खुद को खड़ी कर पाने में कामयाब नहीं हुई। लेकिन पार्टी की बागडोर जिन हाथों में है, वे कभी हार नहीं मानते हैं। इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व के सहारे राज्य में अपनी पैठ बनाने की कोशिशों में है।
सही मायने में अमित शाह के तमिलनाडु दौरे से पहले ही भाजपा की विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पार्टी कई स्तरों पर कार्य कर रही है। नेताओं, पूर्व नौकरशाहों एवं समाज के प्रबुद्ध लोगों की पार्टी में भर्ती का अभियान चल रहा है। अगले एक सप्ताह के भीतर करीब डेढ़ सौ लोगों को पार्टी में शामिल होने की संभावना है। पार्टी राज्य में सूचना प्रौद्यौगिकी के जरिये केंद्र सरकार के कामकाज को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर अभियान छेड़े हुए है।
पार्टी ने हिन्दुत्व के मुद्दे पर जनता के बीच जाने के लिए वेत्रीवेल यात्रा शुरू की है, जिसे लेकर सहयोगी अन्नाद्रुमक सहज नहीं है। इस मुद्दे पर खटपट यहां तक है कि कहा जा रहा है कि शायद ही भाजपा और अन्नाद्रमुक मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ें। हालांकि दोनों तरफ से गठबंधन जारी रहने की बातें भी कही जा रही हैं। लेकिन हाल में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनती श्रीनिवासन ने स्पष्ट कहा कि द्रविड़ राजनीति ने हिन्दुत्व को सही मायने में नुकसान पहुंचाया।
राज्य में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को 12-20 लाख तक वोट मिले हैं। यदि प्रति’शत में देखें तो 2016 के विधा’नसभा चुनावों में भाजपा को 2.86 फी’सदी वोट मिले ले’किन सीट नहीं जीत पाई। 2014 के लोकस’भा चुनावें में 5.5 फी’सदी वोट मिले और एक सी’ट जीती। जब’कि 2019 के लोक’सभा चुना’वों में वोट 3.66 फीसदी मिले ले’किन सीट नहीं जीती। ले’किन सूबे में भाज’पा के खाते में कुछ उपल’ब्धियां भी हैं। 2001 में भाज’पा ने विधान’सभा की चार और उ’ससे पहले 1996 में एक सी’ट जीती। हाल में निकाय चु’नावों में भाज’पा के 80 उम्मीद’वार जीतने में काम’याब रहे। राज्य भाज’पा का दावा यहां तक है कि आ’गामी विधान’सभा चु’नावों में वह ठीक से तैया’री करे तो क’म से कम 60 सीटें हा’सिल कर स’कती है।
भा’जपा के एक केंद्री’य नेता ने कहा कि तमिल’नाडु को लेकर पार्टी अत्य’धिक गंभीर है। दूसरे, आने वाले दि’नों में कई हस्तियां पार्टी में शा’मिल हो सकती हैं। इन ह’स्तियों में पूर्व कें’द्रीय मंत्री एवं करुणा’निधि के बेटे एम.के. अल्हा’गिरी तथा रज’नीकांत तक के नामों की चर्चा है। ले’किन अन्ना’द्रमुक के साथ गठबंधन जारी र’हेगा या नहीं यह स्पष्ट नहीं है।
Be First to Comment