बिहार: तमिलनाडु,केरल,पंजाब आदि प्रदेशों से घर लौटे प्रवासी मजदूरों को अपने घर बिहार में मनरेगा के तहत काम मिल रहा है। इससे प्रवासी मजदूरों के बीच खुशी का माहौल है। मनरेगा के तहत काम करके वे अपने जीवनचर्या की जरूरतों के पूरा कर रहे हैं। काम और मिल रही मजदूरी की राशि से वे संतुष्ट भी हैं। मजदूरों के द्वारा और काम की मांग भी की जा रही है। प्रवासी मजदूर फिर से उन राज्यों में फिलहाल जाने को तैयार नहीं हैं।
मजदूर शाहिदा खातून,बागड यादव,शालिदा खातून,सलाउद्दीन मियां,सुबोध कुमार,प्रभु राम ने बताया कि वे तमिलनाडु पंजाब और केरल में 12 घंटा मजदूरी करते थे।लेकिन बिहारियों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर वे वापस बिहार आ गए। बिहार आने के बाद मनरेगा के तहत उन्हें काम करने को अवसर प्रदान हो रहे हैं। जिसके कारण वे अपने जीवनयापन के जरूरत को पूरा करते हैं। अपने परिवार में बच्चों के बीच रहकर काम करने में अच्छा लग रहा है। इससे लोगों से मिलना जुलना भी होता है और काम भी मिल जाता है।
दूसरी ओर जबकि विजय राम, अखिलेश पासवान,सुधन राम,खेनारी पासवान, बसमतिया देवी,मतसिया देवी, बुटाई राम ने बताया कि घर-बार ,परिवार छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर जाकर काम करना पड़ता था। लेकिन अब घर पर काम मिलने से परिवार के साथ रहने का अवसर प्रदान हुआ हैं। साथ ही मनरेगा के तहत उचित मजदूरी भी मिलती है। जिसके तहत काम करके जरूरत पूरा कर रहे है।
संवेदक आशीष कुमार ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान जल जीवन हरियाली योजना के तहत जमुनिया मे सवा नौ लाख की लागत से जिला परिषदिए पोखरा का जीर्णोद्धार किया जा रहा है।जिसमे दर्जनो मजदूर को काम करने का मौका मिल रहा है। इस दौरान पंचायत रोजगार सेवक सुबोध ओझा,वार्ड सदस्य संजय कुमार श्रीवास्तव, पूर्व मुखिया बाबूलाल प्रसाद, लालजी प्रसाद आदि लोगो की देख रेख मे गुणवत्तापूर्ण कार्य कराऐ जा रहे है।
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