शादियों का सीजन पूरे शबाब पर है और इस बार शादियों में भव्यता और शाही अंदाज देखने को मिल रहा है. खासकर वरमाला और शादी की सजावट पर लोग दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं.

बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में अब 50 हजार रुपये और उससे भी अधिक कीमत वाली वरमाला की मांग बढ़ गई है, जिसके लिए दूसरे राज्यों से विशेष ऑर्डर पर फूल मंगवाए जा रहे हैं. वर वधू और सेज सजाने में डेढ़ लाख तक खर्च किया जा रहा है.

हालांकि, सामान्य तौर पर एक हजार से पांच हजार रुपये तक की वरमाला की बिक्री भी खूब हो रही है. वहीं, शादियों में गेंदे की माला आज भी सदाबहार है, जिसकी कीमत सामान्य दिनों में 8 से 10 रुपये प्रति लड़ी होती है, लेकिन लग्न के समय में यह 15 से 20 रुपये तक पहुंच जाती है.

डच गुलाब की काफी डिमांड इन महंगी वरमालाओं में डच गुलाब, रजनीगंधा, रैनुनकुलस, गार्डेनिया, पेओनी, डहलिया, ट्यूलिप, ऑर्किड, कैला लिली, लिलाक और जैस्मीन जैसे विशेष फूलों की अधिक डिमांड है. इनके अधिक इस्तेमाल किए जाते हैं.

चूंकि ये फूल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं होते हैं. इसलिए इन्हें मुख्य रूप से दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है. इन खास वरमालाओं के लिए लोगों को एडवांस बुकिंग करानी पड़ती है. गाड़ी सजावट पर भी लाखों खर्च दूल्हे की गाड़ी की सजावट पर भी लोग पांच हजार से 25 हजार रुपये तक खर्च कर रहे हैं.

डच गुलाब से सजावट सबसे महंगी मानी जाती है. इसके अलावा शादी के मंडप और मड़वा की सजावट पर लोग एक लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं. स्टेज, घर के कमरों और पूजा पंडालों की सजावट पर भी हजारों रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

एक स्टेज की सजावट में चार से पांच लाख रुपये तक और कमरे की सजावट में 50 हजार से एक लाख रुपये तक का खर्च आ रहा है. प्राकृतिक फूलों की बढ़ती कीमतों के कारण अब सजावट में प्लास्टिक के फूलों की मांग भी बढ़ रही है.

शहर में गरीबस्थान, इमलीचट्टी, जीरोमाइल, भगवानपुर और रामदयालु में फूलों की बड़ी मंडियां हैं, जहां अधिकांश फूल कोलकाता से मंगाए जाते हैं. वहीं विशेष ऑर्डर पर फूल बेंगलुरु से भी आते हैं. जिले में लग्न के सीजन में प्रतिदिन औसतन एक करोड़ रुपये का कारोबार होता है.

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