समस्तीपुर : जिले में पिछले दिनों लगातार हुई भारी बारिश ने धान की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। खेत में तैयार फसल के बर्बाद होने से किसानों के अंदर मायूसी छा गई है।
सिर्फ धान ही नहीं खेतों में जलभराव के कारण गेहूं, आलू और तेलहन की बुआई भी नहीं हो सकेगी। इसका डर भी अब किसानों को सताने लगा है। किसानों का कहना है कि बारिश की वजह से धान की फसल खेत में ही बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी होने के कारण बची खुची फसल भी काटने को मजदूर तैयार नही है।
इस कारण धान की फसल खेतों में सड़ने लगी है। किसान बैंक और साहूकार से कर्ज लेकर खेती करते हैं। खेत में तैयार फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने भुखमरी की समस्या आ गई है। किसानों का कहना है कि अब हमारे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
किसानों ने बताया कि सरकार की तरफ से जो फसल क्षति के नाम पर मुआवजा दिया जाता है, उससे उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती है। वही सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जिले में लगभग 90 हजार हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल का 33% बारिश की वजह से बर्बाद हो गयी।
इधर, डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि फसल क्षति का आकलन किया जा रहा है। इसके बाद पोर्टल पर किसान अपनी बर्बाद हुई फसल का ब्यौरा डालेंगे। इसके सत्यापन के बाद उनकी फसल क्षति की भरपाई की जाएगी ।
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