भारत मौसम विभाग और इंडियन इंस्टीट्यूट ट्रॉपिकल में ट्रोपोलॉजी के सहयोग से भागलपुर, पूर्वी चंपारण और दरभंगा में लाइटनिंग सेंसर लगाए जा रहा है. एक सेंसर का रेडिएशन 500 किलोमीटर तक होगा. यानी इससे पूरे बिहार में ठनका कब गिरेगा. इसकी जानकारी मिल जाएगी.

अभी गया में लाइटनिंग सेंसर काम कर रहा है. राजधानी पटना के मौसम विज्ञान केंद्र में अब बहुत जल्द ही रेडियो मीटर लगने जा रहा है.

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि रेडियो मीटर हवा में तापमान और जल की मात्रा को मापता है. अभी हम पूरी तरह से सेटेलाइट पर निर्भर रहते हैं. रेडियो मीटर बारिश और हवा में नमी की मात्रा का सही से आकलन करता है।


यह लगने से हमें पहले ही पता चल जाएगा की कितनी बारिश होगी. साथ ही वर्षा का घनत्व का भी पता चलेगा. यही नहीं किस इलाके में भारी बारिश होगी, कहां हल्की बारिश होगी और कहां से बादल को लेकर हवा के साथ बारिश दूसरे जगह पर चली जाएगी. इसकी जानकारी भी पहले हो जाती है.


मौसम विज्ञान केंद्र में यह रेडियो मीटर लगने जा रहा है. 3 महीने के अंदर यंत्र काम करने लगेगा.

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