बिहार के चर्चित और तेज़तर्रार IAS अफसर केशव कुमार पाठक (केके पाठक) को केंद्र सरकार ने नई और बेहद अहम जिम्मेदारी दी है. 1990 बैच के इस अधिकारी को अब दिल्ली में कैबिनेट सचिवालय का अपर सचिव बनाया गया है.

यह वही पद है जिसे हाल ही में संयुक्त सचिव से अपग्रेड करके अपर सचिव स्तर का दर्जा दिया गया है. इस तरह पाठक अब सीधे बिहार राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष पद से देश की केंद्रीय नौकरशाही में एक निर्णायक भूमिका में पहुंच गए हैं.


उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले केके पाठक ने बिहार की प्रशासनिक मशीनरी में एक अलग ही मुकाम बनाया है. उनके काम करने का तरीका जितना सख्त है, उतनी ही साफ है उनकी छवि. वे किसी भी विभाग में हों, लापरवाही और भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते.


बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद पाठक को शिक्षा विभाग से हटाकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भेजा गया, जहां उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष की भूमिका संभाली. कार्यशैली वही रही—सख्ती, अनुशासन और जीरो टॉलरेंस.


इसी दौरान उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जताई थी. अब केंद्र सरकार ने उनके आवेदन को मंजूरी दे दी है और उन्हें कैबिनेट सचिवालय भेज दिया गया है.

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