भारत देश में बड़े ही धूमधाम के साथ होली का त्यौहार मनाया गया. वहीं कुछ राज्यों में होली खेलने के अलग-अलग अंदाज़ और परम्पराएं भी सामने आई. इसी बीच महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में भी एक अनूठी परंपरा देखने को मिली, जहां रंग और गुलाल की जगह पत्थर फेंककर इस पर्व को मनाया गया. बता दें इस अनोखी होली को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। यह परंपरा करीब 100 साल पुरानी मानी जाती है और इसे संत गदाजी महाराज से जुड़ा हुआ माना जाता है।

गांव में होली की राख को बेहद पवित्र माना जाता है। परंपरा के अनुसार, जो भी व्यक्ति पत्थरबाजी में घायल होता है, उसे अस्पताल ले जाने के बजाय संत गदाजी महाराज के मंदिर में ले जाया जाता है। वहां घावों पर होली की राख लगाई जाती है, जिसे उपचार के रूप में देखा जाता है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि यह राख चमत्कारी रूप से घावों को ठीक कर देती है।




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