पटना: बिहार के मसौढ़ी पीएचसी कैंपस में एक्सपायरी दवा फेंके जाने के मामला में एक्शन लिया गया है. बता दें यह मामला सामने आने केबाद सिविल सर्जन ने एक्शन लिया और जांच टीम गठित की. जांच के बाद स्टोर कीपर और एक अस्पताल कर्मी पर गाज गिरी है. प्रारंभिक जांच में मसौढ़ी हॉस्पिटल के दवा भंडार पाल को प्रथम दृष्टया में कसूरवार मानते हुए अगले आदेश तक उसके वेतन पर रोक लगा दी गई है. साथ ही एक अन्य हॉस्पिटल कर्मी का वेतन को स्थगित कर दिया गया है.बता दें 15 जून को मसौढ़ी पीएचसी कैंपस में एक्सपायरी दवा फेंके जाने की खबर सामने आने के बाद सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने टीम गठित कर मामले की जांच का आदेश दिया था. अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी संजीता रानी के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और एक अन्य डॉक्टर के द्वारा जांच कराई गई थी. जांच के दरमियान उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि एक्सपायरी दवा हमारे अस्पताल की नहीं है.
जहां प्रारंभिक जांच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दवा स्टोर कीपर अमित कुमार और एक अन्य अस्पताल कर्मी प्रथम दृष्टया में दोषी पाए गए. इसके बाद CS ने लापरवाही बरतने के वजह से अगले आदेश तक उनके वेतन को स्थगित करने का आदेश जारी किया और जिला टीम को सघन जांच करने का निर्देश दिया है.
इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर श्रवण कुमार ने कहा कि जो भी लापरवाही हुई है और जो बेपरवाह कर्मचारी हैं उनको छोड़ा नहीं जाएगा. हॉस्पिटल के कर्मी लापरवाही करते दिखे हैं. उनका अगले आदेश तक वेतन स्थगित करने का निर्देश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को दिया गया है.
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