किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दस वर्ष में भी जांच पूरी नहीं करने पर मोतीपुर थानाध्यक्ष व विवेचक के वेतन से 10-10 हजार रुपये प्रतिमाह कटौती करने का आदेश वरीय पुलिस अधीक्षक को दिया गया है।

कटौती तब तक जारी रहेगी। जब तक अंतिम प्रपत्र विशेष कोर्ट में दाखिल नहीं कर दिया जाता। यह आदेश अनन्य विशेष कोर्ट (पाक्सो) संख्या-दो ने दिया है। कोर्ट ने वरीय पुलिस अधीक्षक को इस आदेश के अनुपालन की सूचना देने का भी निर्देश दिया है।

इस संबंध में थानाध्यक्ष से कारण भी पूछा गया। लेकिन इसका भी कोई उत्तर नहीं मिला। तब विशेष कोर्ट ने इस संबंध में आदेश पारित किया। इस आदेश की प्रति आइजी व वरीय पुलिस अधीक्षक को भेजा गया। इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

इस पर विशेष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि थानाध्यक्ष व विवेचक की घोर उपेक्षा के कारण यह मामला नौ वर्षों से पूरक जांच के लिए लंबित है।

विशेष कोर्ट ने आदेश की अवहेलना व पूरक जांच पूरी नहीं करने पर मोतीपुर थानाध्यक्ष व विवेचक के वेतन से प्रतिमाह दस-दस हजार रुपये की कटौती का आदेश दिया है।

मोतीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा के पिता ने 16 अक्टूबर 2015 को मोतीपुर थाना में प्राथमिकी कराई थी। इसमें कहा था कि 15 अक्टूबर की सुबह 3.30 बजे उसकी पुत्री शौच के लिए घर से बाहर निकली। सुबह पांच बजे तक वापस नहीं आई। उसकी खोजबीन कर ही रहे थे कि पड़ोसी गांव का एक व्यक्ति उसकी पुत्री को अपने साथ लेकर आ गया।

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