भारत में एक बार फिर राष्ट्रीय जनगणना होने जा रही है, और यह लगभग 17 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद होगी. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस बार की जनगणना को और भी व्यापक बनाने की तैयारी की है, जिसमें जनसंख्या के साथ-साथ जातिगत आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा.

यह कदम सामाजिक और आर्थिक नीतियों को और अधिक सटीक रूप देने में सहायक साबित हो सकता है.


जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें उत्तर भारत के पर्वतीय और सीमावर्ती क्षेत्र -लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे.


इन क्षेत्रों में मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनगणना की प्रक्रिया पहले शुरू की जाएगी. इसके बाद, शेष देश में जनगणना की शुरुआत 1 मार्च 2027 से की जाएगी.



सूत्रों के मुताबिक, जातिगत जनगणना को लेकर सरकार की तैयारी शुरू कर दी है. इस दौरान सिर्फ जाति पूछी जाएगी कैटेगरी को लेकर कोई सवाल नहीं किया जाएगा. वहीं ये जाति जगगणना डिजिटल तरीके से कराई जाएगी.



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