22 जनवरी श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन केंद्रीय कर्मचारियों को छुट्टी दी गई है. जिसके बाद झारखंड में भी राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग बीजेपी के द्वारा की जा रही है. इसको लेकर दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी और कहा कि 22 जनवरी को झारखंड में मांस मदिरा पर रोक लगे. नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखा और कहा कि 22 जनवरी को अवकाश घोषित हो।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि हम लोगों ने छुट्टी की मांग रखी है लेकिन मुख्यमंत्री को तो स्वयं छुट्टी देना चाहिए क्योंकि माहौल तो छुट्टी का ही रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करते हैं क्योंकि यह सब राम विरोधी गठबंधन के लोग हैं। अब इस बयान के बाद राज्य का सियासी पारा चढ़ने लगा।
इस पर सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस ने एक जैसी प्रतिक्रिया दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले को लेकर जिस प्रकार से सियासत हो रही है इसमें प्रधानमंत्री ही क्यों नहीं राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर देते हैं. सिर्फ राजनीति करने को लेकर यह तमाम चीज हो रही है।
वहीं कांग्रेस ने भी वही बात दोहराई और कहा कि प्रधानमंत्री चाहे तो पूरे देश में छुट्टी की घोषणा कर दे और उसे घोषणा को राज्यों को मनाना ही होगा. ऐसे में पत्र लिखकर सियासत करना ठीक नहीं है. यह बस राज्य सरकार को टारगेट करने जैसा है।
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