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ज’हरीली श’राब से मौ’त पर 4 लाख का मुआवजा, नीतीश के यूटर्न से बीजेपी खुश, क्या है मायने

पटना:  बिहार में जह’रीली श’राब के सेवन से मौ’त होने पर अब पी’ड़ित परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को यह घोषणा की। उनका यह फैसला मोतिहारी में जहरी’ली श’राब से करीब 40 लोगों की मौ’त होने के बाद आया है। इससे पहले दिसंबर 2022 में छपरा के विभिन्न इलाकों में जह’रीली श’राब पीने से 77 लोगों की मौ’त हो गई थी। उस वक्त सीएम नीतीश ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जो पिएगा वो मरे’गा ही। इस पर विपक्ष ने महागठबंधन सरकार पर जमकर हम’ला बोला था। हालांकि, अब सीएम नीतीश ने यूटर्न लेते हुए पी’ड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का प्रावधान करने का फैसला लिया है। बीजेपी इसे अपनी जीत बता रही है। नीतीश कुमार के इस फैसले के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक जानकार इसे चुनावी दांव बता रहे हैं।

जहरीली शराब से मौत पर 4 लाख का मुआवजा, नीतीश के यूटर्न से बीजेपी खुश, क्या है मायने

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार में पूर्ण श’राबबंदी लागू है। इसके बावजूद कुछ लोग अवै’ध तरीके से श’राब का सेवन कर रहे हैं और उनकी मौ’त हो जा रही है। यह बहुत दुखद है। उन्होंने ऐलान किया कि जह’रीली श’राब से जान गंवाने वालों के परिजन को सीएम रिलीफ फंड से मदद की जाएगी। उन्हें 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। खास बात ये है कि यह नियम 2016 से लागू होगा, जब से राज्य में श’राबबंदी है। यानी कि 2016 से अब तक जह’रीली शरा’ब से जितने भी लोगों की मौ’त हुई है, उनके परिवार वालों का भी मुआवजा मिलेगा। शर्त ये है कि मृ’तक का पोस्टमार्टम कराया गया हो।

नीतीश के फैसले से बीजेपी खुश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले से विपक्ष के खेमे में खुशी का माहौल है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि वे पिछले 10 महीने से जह’रीली शरा’ब से मौ’तों पर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तो लगातार यह मांग उठा रही थी। जह’रीली श’राब पीकर म’रने वालों के परिवार वालों का कोई दोष नहीं होता है, ऐसे में उनको मुआवजा मिलना ही चाहिए। बीजेपी ने सीएम नीतीश के फैसले को अपनी जीत बताया है।

नीतीश का चुनावी दांव?
दूसरी ओर, जह’रीली श’राब से हुई मौ’तों पर मुआवजा देने के फैसले को नीतीश कुमार का चुनावी दांव बताया जा रहा है। शरा’बकांड के पी’ड़ित अधिकतर दलित और पिछड़े वर्ग के हैं, जो कि महागठबंधन का कोर वोटबैंक है। लोकसभा चुनाव में अब करीब एक साल का वक्त ही बचा है। इसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। छपरा के बाद मोतिहारी में हुए बड़े श’राबकांड से राज्य सरकार की छवि पर असर पड़ा है। माना जा रहा है कि सीएम नीतीश दलित और पिछड़ा वर्ग को नाखुश करके रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे में मुआवजा देने का फैसला लिया गया है।

 

पिछले साल दिसंबर में सारण जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ज’हरीली श’राब से 77 लोगों की मौ’त हुई थी। उस वक्त पी’ड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग जोर-शोर से उठी, लेकिन सीएम नीतीश ने इससे साफ इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि शरा’ब खराब चीज है और जो पिएगा वो म’रेगा ही। इसलिए सरकार शरा’ब पीकर म’रने वालों के परिवार वालों को कोई मुआवजा नहीं देंगे। बीजेपी ने इसे मुख्यमंत्री नीतीश का असंवेदनशील रुख बताया था। हालांकि, इसके चार महीने के भीतर ही पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शरा’बकांड हो जाने से सरकार पर सवाल खड़े लग गए हैं। इस बीच सीएम नीतीश ने यूटर्न लेते हुए पीड़ित परिवारों को 4 लाख का मुआवजा देने की घोषणा कर दी है।

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