जमुई: बिहार के सदर अस्पताल में फैले अव्यवस्था से किसी से छिपी नहीं है। कभी सदर अस्पताल में डॉक्टर नदारद रहते हैं तो कभी इलाज में ला’परवाही बरती जाती है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मिशन 60 पर सदर अस्पताल में ग्रहण लगता दिख रहा है। सदर अस्पताल में इमरजेंसी के दौरान मरीजों को ले जाने वाले एंबुलेंस की हालत इतनी खराब है की मरीज को एंबुलेंस में बैठा कर धक्का मारना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक वीडियो सदर अस्पताल जमुई से सामने आया है। जिसमें सड़क दु’र्घटना के शि’कार मरीज को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल से पटना रेफर किया गया था। मरीज को एंबुलेंस में ले जाने के दौरान एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हो पा रही थी। जिसके बाद लगभग 300 मीटर तक एंबुलेंस को धक्का दिया गया तब जाकर एंबुलेंस स्टार्ट हो पाया। एंबुलेंस बाहर का बताया जा रहा है।
अगर एंबुलेंस बाहर का है तो यह जमुई सदर अस्पताल कर्मियों की घोर लापरवाही है। अगर सदर अस्पताल से किसी व्यक्ति को रेफर किया जाता है तो वैसे अवस्था में सदर अस्पताल द्वारा ही अस्पताल में मौजूद सरकारी एंबुलेंस मुहैया कराया जाता है। लेकिन अगर सदर अस्पताल से मरीज को प्राइवेट से या बाहर का एंबुलेंस लेकर जा रहा है, तो इसमें कहीं ना कहीं सदर अस्पताल जमुई के कर्मी सनलिप्त होकर अवैध रूप से मोटी कमीशन लेकर एंबुलेंस का परिचालन करवा रहे हैं। वही इस संबंध में जमुई सदर अस्पताल के उपाधीक्षक नौशाद अहमद से पूछा गया तो उन्होंने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही
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