मुजफ्फरपुर : प्रकाश पर्व दीपावली पर इस साल मधुबनी पेंटिंग वाले दीयों की धूम है। बाजार में जगह-जगह मधुबनी पेंटिंग वाले दीये बिक रहे हैं। इन दीयों पर मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों की कला की छाप अपनी छटा बिखेर रही है। इस कारण ये दीये हर किसी की पहली पसंद बन रहे हैं।
ऐसा नहीं की ये दीये सिर्फ शहर में ही बिक रहे हैं। ग्रामीण स्तर के बाजार में भी इन दीयों की धूम है। खरीदार इन दीयों को हाथों हाथ ले भी रहे हैं। हालांकि, इनकी कीमत मोमबत्ती या अन्य दीयों की तूलना में कुछ अधिक है। लेकिन, अपनी सुंदरता के कारण ये हर किसी की पहली पसंद बने हुए हैं।
दीपावली के मौके पर इस साल बिहार के गांव से लेकर घर तक मधुबनी पेंटिंग से सजे दीये से रोशन होंगे। मधुबनी पेंटिंग से सजे इन दीयों की मांग अन्य प्रदेशों में भी खूब हो रही है। इस कार्य से न केवल मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को आर्थिक लाभ हुआ है, बल्कि मधुबनी पेंटिंग घर-घर तक पहुंच भी रही है।
मधुबनी पेंटिंग के कलाकार न केवल दीयों में अपनी कला उकेर रहे हैं बल्कि ये लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के अलावा थाली, प्लेट और कटोरा और ट्रे सहित अन्य वस्तुओं पर भी अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल का भी एक प्रकार से विस्तार है।
मधुबनी पेंटिंग से जुड़े कलाकारों का कहना है कि मधुबनी पेंटिंग से सजे इन दीयों की मांग दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जयपुर और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी हो रही है। सूबे की राजधानी पटना में तो इसकी खासी मांग है।
ऐसा नहीं है कि दीयों की सजावट में केवल मधुबनी जिले के ही कलाकार शामिल हैं। मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर जिले तक की महिलाएं इस काम में पूरी संजीदगी के साथ लगी हैं। इससे उत्तर बिहार की महिलाओं को अच्छे रोजगार का भी अवसर मिल रहा है। धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ माने जाने वाले कछुआ, हाथी, उल्लू, पान के पत्ते की आकृति वाले दीयों की काफी मांग है।
कलाकारों ने बताया कि इन दीयों को बनाने केलिए रद्दी कागज और कार्टन को पानी में भिगोकर उसकी लुगदी बना ली जाती है। इसके बाद मिट्टी और मुल्तानी मिट्टी, नीम के पेड़ की छाल और नीम की पत्ती का पानी मिला लिया जाता है। फिर इसे गूथकर मिट्टी की तरह बना लिया जाता है। उसी से दीया सहित अन्य वस्तुएं तैयार की जाती हैं, जिसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
छठ पर भी दिखेगी मधुबनी पेंटिंग की धूम
आपको बता दें कि दीयों पर पेंटिंग की सफलता से कलाकार अब से छठ पर भी प्रयोग में लाने को तत्पर हैं। इसके लिए छठ पर्व पर उपयोग में लाये जाने वाले सूप और दउरा पर भी मधुबनी पेंटिंग उकेरी जा रही है। हालांकि, पिछले साल भी इसकी झलक देखने को मिली थी। इस बार इसे विस्तार देने की तैयारी है।
Be First to Comment