देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक नीट की परीक्षा में मुजफ्फरपुर के बेटे सात्विक ने जिले का नाम रौशन किया है। बैरिया, मुजफ्फरपुर के मूल निवासी और वर्तमान में दिल्ली (द्वारका) के निकट एक छोटे से गांव बिजवासन निवासी सात्विक सोनम उपाध्याय ने ये साबित किया हैं कि कठिन परिश्रम एवं स्वाध्याय से कम संसाधनों में भी सफलता हासिल की जा सकती हैं।
सात्विक ने बताया कि “नीट की परीक्षा मैंने अपनी मेहनत के दम पर क्लीयर की हैं। जहां नीट प्रेप का टारगेट कोर्स और नीट प्रेप के ही टेस्ट पेपर से सेल्फ स्टडी कर यह सफलता हासिल कर पाया हूँ। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय देते हुए नीट प्रेप के संचालक कपिल गुप्ता सर को अपना द्रोण एवं एडमिशन सलाहकार के रुप में नीट नेवीगेटर के राकेश जैन सर को अपना कृष्ण बताया।
सात्विक ने आगे बताया कि वह एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता विनीत उपाध्याय, केंद्र सरकार में अधिकारी तथा माँ सरिता कुमारी एक गृहणी हैं। सात्विक ने अपनी प्राथमिकी शिक्षा दिल्ली के चिरंजीव भारती स्कूल गुड़गांव, हीरा पब्लिक स्कूल समालखा, एवं आकाश पब्लिक स्कूल से हासिल की। वहीं पीसीबी में बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर मेडिकल एंट्रेंस के लिए नीट परीक्षा की तैयारी के लिए कठिन परिश्रम किया। जिसमें अपने तीसरे प्रयास में 660/720 का विशाल अंक प्राप्त किया और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज, ललितपुर, उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया।
सात्विक की माँ सरिता कुमारी ने बताया कि सात्विक बचपन से ही शांत, मेधावी और माता – पिता एवं शिक्षकों का आज्ञाकारी रहा हैं। जिस दौरान सात्विक घर बैठ कर नीट की तैयारी कर रहा था उस वक़्त पूरा स्कूल सात्विक की खोज खबर लेता था मानो सब उसकी सफलता की प्रतीक्षा में थे।
सात्विक की माँ सरिता कुमारी ने आगे बताया कि सात्विक का जन्म काफी कठिनाईयों से गुजरा हैं लेकिन डॉ सोनम की सूझबूझ से ही सात्विक का जन्म स्वस्थ्य रूप से हो सका। “डॉक्टर किसी भगवान से कम नहीं होते हैं” यह विचार सात्विक की माँ के दिल में बैठ गया जिसके बाद से ही उन्होंने तय किया की वह अपने बेटे सात्विक को डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करेगी। जिसके बाद धीरे धीरे सात्विक ने भी यह ठान लिया कि वह कड़ी मेहनत कर इस मुकाम को जरूर हासिल करेगा। वहीं बता दें कि सात्विक के नाम के साथ जुड़ा सरनेम “सोनम” वस्तुत: उसी डॉक्टर का नाम है, जिनकी वजह से सात्विक सही सलामत और स्वस्थ रूप से जन्म ले सका।
वहीं सात्विक के पिता विनीत उपाध्याय ने बताया कि सात्विक अपनी पढ़ाई के साथ साथ अपनी बहन सर्वज्ञा को भी गणित विज्ञान में शिक्षा प्रदान करता हैं। सात्विक अंग्रेजी साहित्य और सामाजिक विज्ञान में भी गहरी अभिरुचि और जानकारी रखता हैं। सात्विक ने मात्र एक साधारण टेबल कुर्सी और किताबों के अलावा कोई और संसाधन की मांग अपने माता – पिता से नहीं की। ये जानते हुए की उनके पिता की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं हैं इसलिए इस बात का सदैव ध्यान रखा की पढ़ाई के अलावा अन्य कोई मांग ना करे।
सात्विक के पास उसका खुद का मोबाइल नहीं था। चूँकि एडमिशन होने के बाद उसे बाहर रहना था तो उसने अपने पिता के पुराने मोबाइल का ही इस्तेमाल किया। सात्विक के पिता ने बताया कि ऐसा पुत्र और छात्र दोनों आज कि तिथि में दुर्लभ हैं। कभी उसने अपने माता – पिता से ऊंची आवाज में बात नहीं की।
इतना ही नहीं सात्विक टेक्नोलॉजी के मामले में भी होशियार और अपडेट है। उसने अपनी मां के यूट्यूब पाक कला चैनल “सरिता किचन हिंदी” को भी बखूबी डिजाइन और डेवलप किया है। केवल किताबी शिक्षा ही नहीं बल्कि सात्विक परिवेश के प्रति सजग हैं। उन्होने कई पुरस्कार भी जीते हैं। साथ ही, सात्विक को विभिन्न ऑटोमोबाइल गाड़ियों की जानकारी भी एकत्रित करने का बचपन से शौक है। कक्षा 2 से ही सात्विक द्वारा तैयार किए गए ऑटोमोबाइल एल्बम में हजार से अधिक आधुनिक और रेट्रो गाड़ियों के तकनीकी विवरण, उनके मूल्य और फोटो मौजूद हैं।
Be First to Comment