मुजफ्फरपुर : बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने सूबे में शराबबंदी तो लागू कर दी, लेकिन यह पूरी तरह से फेल है। साफ शब्दों में कहें तो यहां पर शराबबंदी बेमतलब है। कहते भी हैं कि बिहार में शराब दिखती तो कहीं नहीं, मिलती हर जगह है।
ऐसे में शराबबंदी आखिर क्यों। आखिर ऐसी शराबबंदी का क्या मतलब, जो हर रोज शराब बरामद हो, लेकिन धंधा रूकने का नाम ही नहीं ले। इन सबके बीच समय-समय पर जहरीली शराब से लोगों की मौत का मामला तो बोनस में आ ही जा रहा है। अब इसके लिए कौन जिम्मेवार है, यह भी सामने आना चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि इन मौतों के लिए कौन जिम्मेवार है।
इस शराबबंदी के बीच बोनस में जहरीली शराब भी आयी है। इसे शराबबंदी का साइड इफेक्ट भी कहा जा सकता है। शराब जैसे ही ब्लैक में बिकनी शुरू हुई, इसका महंगा होना लाजिमी है। ऐसे में लोगों ने अपने स्तर से शराब बनानी शुरू कर दी।
इन्हीं सबका नतीजा है जिले में जहरीली शराब से हो रहीं मौतें। जिले में इन दिनों जहरीली शराब के कारण आठ लोगों की मौत हो गयी। इससे जिले के पुलिस-प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा है। इस घटना के बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। दूसरी ओर शराब की बिक्री व बनाने पर रोक लगाने के लिए जिस विभाग पर विशेष जिम्मेवारी दी गई है, उस विभाग के अधिकारी मौन धारण कर बैठे हैं।
बता दें कि जिले में जहरीली शराब के कारण लोगों की मौत की यह घटना पहली नहीं है। इससे पहले भी जहरीली शराब के कारण जिले के कटरा और मनियारी में कई लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन अब तक धंधेबाजों पर नकेल नहीं कस पा रही है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर जिले में भारी मात्रा में शराब कैसे पहुंच रही है। बात इतने तक ही सीमित नहीं है। ग्रामीण इलाके में मिलावटी शराब बनाने और पिलाने का धंधा भी जोरों पर चल रहा है।
इन सभी बातों के बीच यह सवाल उठता है कि जब उत्पाद विभाग और पुलिस हर दिन कार्रवाई कर ही रही है तो सरैया में जहरीली शराब कहां से पहुंची। क्या थाना और उत्पाद विभाग के अधिकारियों के पास सूचना तंत्र नहीं है। सूचना तंत्र होने के बाद भी अगर शराब आ रही है तो इन सबका मतलब क्या।
गुरुवार देर रात गांव में एक पार्टी में कई लोग शामिल हुए थे। इस दौरान जमकर जाम छलके थे। मरने वाले सभी इस पार्टी में शामिल हुए थे। देर रात जब ये घर आए तो इनकी हालत बिगड़ने लगी। यह देखकर पार्टी में शामिल सभी लोग काफी डर गए। लोगों ने आनन-फानन में सरैया और इसके आसपास निजी अस्पतालों में इन्हें भर्ती कर चोरी छिपे इलाज कराना शुरू कर दिया, जहां कुछ ही देर में दो की मौत हो गई। शाम होते-होते तीन और लोगों की भी मौत हो गई।
कटरा और मनियारी में हुई थी पांच की मौत
छह माह पूर्व जहरीली शराब पीने से कटरा और मनियारी में पांच लोगों की मौत हुई थी। मामले में कटरा थानेदार और दारोगा मिथिलेश झा को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद मनियारी थानेदार को भी लाइन हाजिर किया गया था। घटना में शामिल मुख्य शराब धंधेबाज मुकेश सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
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