ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साइबर अपराधियों के टारगेट पर नाबालिग बच्चियां भी रहती है। टेलीग्राम नेटवर्क के AI वॉट से लड़कियों की न्यूड तस्वीरे बनायी जा रही है। इसमें डीप फेक टूल भी है। लड़कियों की अश्लील तस्वीरे डार्क नेट से बेची भी जा रही है।

साइबर के जानकार डीएसपी संजीव शेखर झा का कहना है कि AI टूल ने फ्रॉड की राह आसान कर दी है। साइबर अपराधी आसानी से वीडियो व फोटो से छेड़छाड़ कर रहा है.श। हाल में ही कुंभ में देश के कई बड़े चर्चित राजनेता, फिल्म अभिनेता, क्रिकेटर, बिजनेसमैन के फोटो एटिड कर वायरल किया जा रहा था।


तत्कालीन साइबर डीएसपी सीमा देवी का कहना है कि उनके कार्यकाल में 250 से अधिक ब्लैकमेलिंग के मामले सामने आए।90 प्रतिशत मामलों में ऑन स्पॉट बच्चियों की मदद की गयी।


अधिकांश लड़कियां इंस्टाग्राम से फोटो चुराकर एटिड करके ब्लैकमेल करने की शिकायत लेकर आती थी।तुरंत जिस आइडी से ब्लैकमेल किया जाता था उसके यूआरएल के आधार पर युवक को चिन्हित करके थाने बुलाया जाता था।

अधिकांश हायर सेकेंडरी स्कूल व कॉलेज के छात्र थे। उनका मोबाइल लेकर वीडियो व फोटो डिलीट करवा दी जाती थी। जिन मामलों में लगता था कि आरोपी को जेल भेजा जाए उसमें एफआईआर दर्ज करके जेल भेजा जाता था।
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