बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव एक नई तकनीकी क्रांति के साथ इतिहास रचने जा रहा है. अब न तो सेक्टर ऑफिसर को मतदान केंद्रों से भागदौड़ करनी पड़ेगी, न ही देर रात तक रिपोर्ट भेजने का इंतजार रहेगा. निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत की रिपोर्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है.

इस बार ‘इसीआइनेट’ नामक एक अत्याधुनिक मोबाइल ऐप के जरिये पूरे राज्य में मतदान केंद्रों से हर दो घंटे पर आंकड़े सीधे निर्वाचन आयोग के सिस्टम में भेजे जाएंगे. यानी एक तरफ वोट डाले गए, और दूसरी तरफ एक टैप में वोटिंग प्रतिशत लाइव हो जाएगा.



मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस नई व्यवस्था को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं. उनका कहना है कि लोकतंत्र की नींव जनता का भरोसा है, और भरोसा तभी मजबूत होता है जब सूचनाएं सही, पारदर्शी और समय पर मिलें.



अब तक मतदान प्रतिशत जुटाने के लिए फोन कॉल, एसएमएस और हाथ से भरे फॉर्म का सहारा लिया जाता था. इसमें देरी और त्रुटि की गुंजाइश रहती थी. लेकिन इसीआइनेट ऐप इस सारी जटिलता को खत्म कर देगा. ऐप का इंटरफेस सहज, सरल और तेज़ है. इसके जरिये सेक्टर ऑफिसर या नियुक्त कर्मचारी मतदान केंद्र से ही डेटा भेज सकेंगे, जिससे रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी.


इस नई प्रणाली की असली परीक्षा बिहार विधानसभा चुनाव में होगी, जहां हजारों मतदान केंद्रों पर एक साथ इसका प्रयोग किया जाएगा. यदि यह प्रणाली सफल रहती है, तो इसे देशभर में लागू किया जा सकता है.


बिहार, जो कभी चुनावी हिंसा और तकनीकी पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, अब तकनीकी नवाचार के जरिए एक नई मिसाल पेश करने को तैयार है. निर्वाचन आयोग का यह कदम न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि जनता को भी यह भरोसा देगा कि उनका वोट सही तरीके से दर्ज हो रहा है और उसकी जानकारी तुरंत सार्वजनिक हो रही है.
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