बिहार: श्रावणी मेला 2023 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। सुल्तागनंज में मंगलवार को सावन मेला 2023 का उद्घाटन होना है. कांवरियों का जत्था रविवार से ही अजगैवीनगरी में प्रवेश करने लगी है। सोमवार को गुरु पूर्णिया के दिन कई श्रद्धालुओं ने जल भरा और बाबानगरी देवघर की ओर कूच किए। सावन मेला इस बार दो महीने तक चलेगा. कांवरियों के ठहरने के लिए बिहार की सीमा के अंदर सरकारी इंतजाम किए गए हैं।
बिहार सरकार ने कांवरियों के लिए दवा, एंबुलेंस, पेयजल, रोशनी, सुरक्षा व ठहरने की मुकम्मल व्यवस्था की है. सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन से लेकर दुम्मा गेट झारखंड बॉर्डर तक कांवरियों के लिए तमाम व्यवस्थाएं सरकार की ओर से की गयी है. सुल्तागंज में सरकारी धर्मशाला को तैयार कर दिया गया है. जबकि भागलपुर, मुंगेर व बांका तीनो जिलों में कांवरियों की सहूलियत के लिए ठहरने का प्रबंध है।
कच्ची कांवरिया पथ बिहार से झारखंड बॉर्डर तक करीब 86 किलोमीटर है. इसमें सबसे अधिक करीब 52 किलोमीटर कांवरिया बांका जिला के अंतर्गत आने वाले कांवरिया पथ पर चलते हैं. कांवरियों के लिए जगह-जगह पर धर्मशाला और शेल्टर तैयार किया गया है. धर्मशाला के निकट कई जगह टेंट-सिटी बनाए गए हैं. जहां सैकड़ों बेड लगाए गए हैं. महिला श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल बेड लगाए गए हैं।
कांवरियों के लिए जर्मन हैंगर तकनीक से वाटर और फायर प्रुफ टेंट तैयार किए गए हैं. निजी कंपनी के हाथों में सरकार ने इसका काम दिया था और कांवरियों के लिए ये नि:शुल्क रहेंगे. यहां कांवरियों को विश्राम करने के लिए फोल्डिंग खाट, डनलप बेड, चादर, तकिया वगैरह दिए जाएंगे. शौचालय व आरओ वाटर भी नि:शुल्क किया गया है. कूलर व मोबाइल के लिए चार्जिंग प्वाइंट दिए गए हैं. सुरक्षा के दृष्टिकोण से जगह-जगह पर यहां सीसीटीवी इन्सटॉल किया गया है. जबकि एलइडी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद ले सकेंगे।
सरकारी धर्मशाला व शेल्टर
- धांधी बेलारी में कांवरिया शेल्टर
- मौजमा मरवा शेल्टर
- कुमरसार व धौरी धर्मशाला
- जिलेबिया मोड धर्मशाला
- टंकेश्वर धर्मशाला
- अबरखा धर्मशाला
- कटोरिया धर्मशाला
- इनारावरण में 3 धर्मशाला
- गोड़ियारी धर्मशाला
- पटनिया धर्मशाला
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