मुजफ्फरपुर: तिरहुत प्रमंडल के चार जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और वैशाली में एक भी बच्चे को बीते वर्ष खसरा (मीजल्स) का टीका नहीं लगा है। वहीं, मुजफ्फरपुर जिले में सिर्फ 60 बच्चों को ही टीका दिया गया है। ऐसा तब है जब जिले के कटरा प्रखंड में खसरा का एक संदिग्ध बच्चा मिल चुका है।
पूरे तिरहुत प्रमंडल में चार लाख 44 हजार 384 बच्चों को खसरा का टीका लगना था। इसमें से सिर्फ 256 बच्चों को ही टीका दिया गया है। नौ से 11 महीने के बच्चों को खसरा का टीका दिया जाता है। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम पर जिलों से डाले गए ब्योरे के बाद सामने आई है। मुजफ्फरपुर के सीएस डॉ. उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि टीका क्यों कम पड़ा है इसके बारे में प्रतिरक्षण कार्यालय से जानकारी ली जाएगी। अधिकारियों को शत-प्रतिशत टीकाकरण का निर्देश दिया गया है।
खसरा और रूबेला उन्मूलन के लिए चलना है अभियान :
पूरे बिहार में खसरा और रूबेला के उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जाना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को पत्र जारी किया है। इसके तहत जिन बच्चों को खसरा और रूबेला का टीका नहीं लगा है उसे चिह्नित कर टीका दिया जाएगा।
बच्चियों को नहीं लगे सभी टीके :
स्वास्थ्य विभाग की एचएमआईएस रिपोर्ट के अनुसार, प्रमंडल में बच्चियों को सभी टीके नहीं लगे हैं। बच्चों से कम टीके बच्चियों को दिए गए हैं। मुजफ्फरपुर में नौ से 11 महीने के 45 हजार 818 लड़के और 39 हजार 96 को टीका दिया गया। बेतिया में 43 हजार 606 लड़के और 37 हजार 10 लड़कियों को टीका लगा, पूर्वी चंपारण में 55 हजार 160 लड़कों और 49 हजार 307 लड़कियों को टीका दिया गया। शिवहर में 8228 लड़कों और 7252 लड़कियों को टीका पड़ा, सीतामढ़ी में 35 हजार 527 लड़कों और 31 हजार 737 लड़कियों को टीका लगा। वैशाली में 36 हजार 516 लड़कों और 28 हजार 810 लड़कियों को नियमित टीका लगा है।
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