पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जह’रीली शरा’ब के मुद्दे पर सवालों का सिलसिला जारी रखते हुए आ’रोप लगाया कि सरकार इस मामले में फर्जी आंकड़े जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि जदयू के प्रवक्ता जह’रीली शरा’बकांड में मौ’त, सजा और गिर’फ्तारी के फ’र्जी आंकड़े परोस रहे हैं।
सोमवार को बयान जारी कर सुशील मोदी ने कहा कि सरकार जह’रीली श’राब से मौ’त के छह साल के वर्षवार आंकड़े आधिकारिक रूप से वेबसाइट पर जारी क्यों नहीं करती? मोदी ने कहा कि गोपालगंज के जह’रीली श’राबकांड में 19 लोगों की मौ’त हुई, जबकि राज्य सरकार ने केवल 6 लोगों के म’रने की जानकारी केंद्र सरकार को क्यों दी ?
उन्होंने कहा कि इस घट’ना मे स्थानीय अदालत ने जिन 13 अभियुक्तों को फां’सी या उम्र कैद की सजा सुनायी, वे सभी साक्ष्य के अभाव में हाईकोर्ट से बरी हो गए। सरकार मृ’तकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और गवाह पेश करने में नाकाम क्यों रही?
मोदी ने कहा कि गोपालगंज की घट’ना में 14 पी’ड़ित परिवारों को उत्पाद कानून की धारा-42 के तहत 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिया गया था। अब सरकार कैसे कह सक रही है कि शरा’बकांड के पी’ड़ितों को मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है? उन्होंने कहा कि ज’हरीली श’राब बेचने के दोषियों से मुआवजा वसूलने की कार्रवाई पर जब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी, तब सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों नहीं की?
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