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जर्जर भवन में रहने को मजबूर हैं पुलिस के कई जवान, विद्यालय प्रशासन ने स्कूल से हटाया

भोजपुर जिले की सुरक्षा जिन पुलिस के जवानों के ऊपर है, आज वो खुद अपने थाने में असुरक्षित है। दरअसल, आरा शहर के नवादा थाना में स्थित जर्जर भवन इस कदर खंडहर में तब्दील हो गई है कि वहां कभी भी अनहोनी हो सकती है। जर्जर भवन देखने से यह प्रतीत होता है कि पुलिस जवान ही अब असुरक्षित दिखने लगे हैं। बिल्डिंग की स्थिति इतनी जर्जर है कि कब गिर जाए यह कोई नहीं जानता। नवादा थाना में कार्यरत कुछ जवान उसी जर्जर बिल्डिंग में अपनी जान जो’खिम में डालकर रहते हैं। जबकि कुछ जवान शहर स्थित एक निजी स्कूल के बिल्डिंग में रहते है।

बताया जाता है कि नवादा थाना में कुल 26 जवान कार्यरत है, जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी नवादा थाना क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में रूम ले कर रहा करते है और एक दर्जन जवान नवादा थाना में स्थित जर्जर बिल्डिंग में ही रहते हैं। जिसको लेकर उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

निजी स्कूल में रहने वाले जवान अपने ठिकाने को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। फिर भी इनका कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा है। भोजपुर जिले में ऐसे बहुत से थाने है, जहां अपना खुद का भवन नही है और न ही जवानों के रहने की कोई व्यस्था सरकार के द्वारा कराई गई है। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार भले ही लाख दावे कर लें कि बिहार पुलिस को उनकी सरकार ने हाईटेक बना दिया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

मिली जानकारी के मुताबिक, भोजपुर जिले में कई ऐसे थाने है जो आज भी झोपड़ी नुमा में चल रहे हैं। जैसे खवासपुर ओपी, धोबहां ओपी, हसनबाजार ओपी, चांदी थाना, बहोरानपुर ओपी, सिन्हा ओपी, कृष्णगढ़ थाना सहित कई ऐसे थाने है जहां खुद का भवन न होने से थानों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें से कई थाने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं, जिसके कारण बाढ़ के दिनों में उनका संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता है और जवानों को अपना ठिकाना कहीं और देखना पड़ता है।

 

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