मधेपुरा : बिहार में समय-समय पर कुछ ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, जो यहां के अधिकारियों की कार्यकुशलता की बानगी दिखा देते हैं। लोगों के लिए चर्चा का विषय भी बन जाते हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ है मधेपुरा जिले में। यहां के शिक्षक सुमन कुमार सिंह की वर्ष 2005 में बहाली हुई थी। वे विज्ञान के शिक्षक थे। इसी साल उनकी मौत हो गई। इसके बाद भी चुनाव ड्यूटी पर नहीं आने के लिये उनके खिलाफ शो-कॉज नोटिस जारी कर दिया गया।
शिक्षक के भाई राजा कुमार सिंह ने बताया कि सुमन पिछले दो तीन वर्षों से बीमार चल रहे थे। उन्हें हृदय की बीमारी थी। पटना में उनका इलाज चल रहा था। इसी दौरान उनकी मौत हो गयी।
विद्यालय के प्रधान शिक्षक अनिल राम ने उनकी मौत की सूचना आठ नवंबर को ही विभाग के सभी अधिकारियों को दे दी थी। इसके बाद भी 15 नवंबर को बिहारीगंज में पंचायत चुनाव में उन्हें 13 और 14 नवंबर को योगदान न देने पर नोडल पदाधिकारी कार्मिक कोषांग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
उन्होंने बताया कि शिक्षक सुमन कुमार सिंह को शो-कोज नोटिस भेजा गया। जबकि सात नवंबर को ही हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो चुकी थी।
भाई का कहना है कि समय से वेतन नहीं मिलने के कारण पैसे और दवा के अभाव में सुमन कुमार सिंह की मौत हुई। उनका परिवार गहरे सदमे में था। वहीं उन्हें शो-कोज नोटिस जारी कर पूछा गया कि आखिर वे चुनाव ड्यूटी पर क्यों नहीं आए।
उन्होंने सुमन ने घर बनाने के लिए पांच लाख रुपये पर्सनल लोन लिए थे। मृत्यु के समय उनके एकाउंट में मात्र 320 रुपये शेष थे। दीपावली से पहले एक माह का वेतन आया पर वो भी बैंक लोन में कट गया। स्कूल के बच्चे और उनके सहयोगी शिक्षक उनके असमय निधन से दुखी हैं।
Be First to Comment