मुजफ्फरपुर : नहाय-खाय के साथ बिहार के सभी हिस्सों में सोमवार को चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू हो गया। आस्था का महापर्व छठ सोमवार को नहाय-खाय से आरंभ हो गया।
व्रती नहाय-खाय के दिन नदियों और पोखरों समेत अन्य स्थानों पर स्नान करने के बाद प्रसाद स्वरूप अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी और आंवले की चटनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय पर्व का अनुष्ठान शुरू करेंगी।
नहाय-खाय के लिए सोमवार की अहले सुबह से ही नदियों और तालाबों के घाट पर व्रतियों की अच्छी-खासी भीड़ जुटी। ऐसा ही नजारा राज्य की सभी नदियों और जलस्रोतों के किनारे दिखा। इस बार महापर्व पर ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना है।
सोमवार को नहाय-खाय के बाद कार्तिक शुक्ल की पंचमी मंगलवार को व्रती पूर्वाषाढ़ नक्षत्र व रवियोग में खरना का प्रसाद खीर, रोटी ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। बुधवार 10 नवंबर को सूर्योपासना के तीसरे दिन छठ व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से मानसिक शांति, उन्नति और प्रगति होती है। वहीं, गुरुवार को छठ व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व का समापन करेंगी।
छठ पर राज्य के सभी जिलों में खासकर घाटों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। राज्य के 22 जिलों में एक्सट्रा पुलिस फोर्स तैनात की गई है। दंगा निरोधक दस्ते को भी तैयार रखने को कहा गया है।
छठ पर सबसे अधिक अतिरिक्त फोर्स पटना जिले में तैनात की गई है। यहां बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की तीन कंपनियों के अलावा 800 लाठी बल को ड्यूटी में लगाया गया है। होमगार्ड के एक हजार जवान भी तैनात किए गए हैं। इसी तरह औरंगाबाद, भागलपुर, सीतामढ़ी आदि जिलों में भी फोर्स तैनात की गई है।
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