गंगा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि से छपरा जिले के सदर प्रखण्ड के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। इससे दर्जनभर गांवों के लोग कैदी की तरह जीवन जीने को मजबूर हो गये हैं।
इन गांवों से निकलने के लिए एकमात्र सहारा नाव ही है। डोरीगंज बाजार पर खनुआ नाला से आने वाला बाढ़ का पानी लोगो के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
सोमवार को यहां पर आलू लदी एक पिकअप वैन खनुआ नाले के पास आकर पलट गयी। स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत कर उसे बाहर निकाला।
इसके बाद दुर्घटनाग्रस्त पिकअप के ड्राइवर और सहचालक को पिकअप से निकाल कर अस्पताल भेजा। वहीं सदर प्रखंड के पूर्वी बलुआ, पीपरा सहित कई गाँव गंगा नदी के पानी से घिर गए हैं और जलकैदी बने हुए हैं।
सुविधाओ के नाम पर इन ग्रामीणों को कुछ भी मुहैया नही कराया गया है क्योंकि इस इलाके को अभी बाढ़ ग्रस्त घोषित नही किया गया है। मूसेपुर इलाके में तीन दिन पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ ग्रस्त इलाको का निरीक्षण करने के दौरान पहुँचे थे।
उन्होंने पीड़ित ग्रामीणों को सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया था लेकिन इस इलाके में किसानों को लाखों की क्षति हुई है और उनकी फसलों को बाढ़ के पानी ने जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है।
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