मरकज मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है कि 197 विदेशी जमाती अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे थे। तबलीगी जमात में आए इन विदेशियों के पास न तो पासपोर्ट हैं और न ही कोई वैध दस्तावेज। यह खुलासा क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में सौंपे आरोप पत्र में किया है। पुलिस जांच कर रही है कि ये कितने दिनों से यहां रह रहे थे। पुलिस के मुताबिक, 943 में से 746 विदेशियों के पास पासपोर्ट या पहचान पत्र मिले हैं। इनमें 723 पासपोर्ट और 23 नेपाली पहचान पत्र शामिल हैं। लगभग 197 जमातियों के पास पासपोर्ट नहीं हैं। इन्होंने पुलिस के सामने अपने पासपोर्ट और वीजा गायब या चोरी होने की बात कही है। हालांकि इससे संबंधित एफआईआर वे नहीं दिखा सके।
अगर इन विदेशी जमातियों के पासपोर्ट-वीजा और पहचान से जुड़े वैध दस्तावेज नहीं मिलते हैं तो इनके खिलाफ पासपोर्ट और इमीग्रेशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। ऐसे हालात में अवैध तरीके से देश में रहने वाले विदेशी नागरिकों की तरह इन्हें भी डिपोर्ट करने की प्रक्रिया की जा सकती है। इसके अलावा भविष्य में ये दोबारा भारत में एंट्री न कर सकें, इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।
वहीं, मकरज मामले में जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और आयकर विभाग ने जांच के लिए मरकज से संबंधित जानकारी और दस्तावेज क्राइम ब्रांच से लिए हैं। सीबीआई ने मरकज मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
प्राथमिक जांच के दौरान वह ठोस सबूत मिलने पर मामला भी दर्ज कर सकती है। उधर, ईडी पहले ही मामला दर्ज कर जांच कर रही है, जबकि इनकम टैक्स विभाग भी क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के आधार पर अपने स्तर पर जांच कर रहा है।
अभी मामला दर्ज नहीं :मरकज मामले में सीबीआई की ओर से अभी किसी तरह का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। सीबीआई की ओर से मरकज और इसके मुखिया मौलाना साद के खिलाफ एफआईआर तब दर्ज की जाएगी, जब उसे प्राथमिक जांच के दौरान ठोस सबूत मिलेगा।
ईडी को जानकारी दी :प्रवर्तन निदेशालय और आईटी विभाग को भी क्राइम ब्रांच मरकज मामले की कई अहम जानकारी सौंप चुकी है। तफ्तीश के दौरान क्राइम ब्रांच के हाथ कई ऐसी जानकारी लगी हैं, जिसकी जांच उसके दायरे से बाहर थी। क्राइम ब्रांच ने इन्हें एजेंसियों ईडी, आईटी व सीबीआई से साझा किया है।
Input : Live Hindustan
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