वासंतिक नवरात्र रविवार से शुरू होगा। दोपहर 2.14 बजे तक प्रतिपदा है। इस कारण इसके पहले तक कलश स्थापना की जायेगी।

दुर्गा मंदिर और घरों में कलश स्थापना कर माता की पूजा की जायेगी। इसी दिन से हिंदी नववर्ष आरंभ हो जायेगा।

इस बार पंचमी तिथि क्षय होने के कारण नवरात्र नौ दिनों का होगा। रविवार को 11.29 से 12.18 तक अभिजीत मुहूर्त है।

पंडितों के अनुसार शुक्ल पक्ष 14 दिनों का है। महाअष्टमी तिथि रात 12.04 मिनट तक है। इसी दिन निशा पूजा व बलिदान है।

वहीं, छह की रात 11.15 बजे तक नवमी है। इसी दिन नवमी की पूजा-अर्चना और हवन होगा। सात को दशमी है। इसी दिन मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा।


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