बिहार के दरभंगा में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की विस्तृत कार्य योजना (DPR) अगले दो महीनों में तैयार होने की उम्मीद है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना की डीपीआर निर्माण का जिम्मा केंद्र सरकार ने आईआईटी दिल्ली को सौंपा है, जिसने परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया है.

हाल ही में केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में इस प्रगति की जानकारी साझा की गई. एम्स दरभंगा के लिए राज्य सरकार द्वारा चिह्नित 188 एकड़ भूमि का सीमांकन कार्य पूरा कर लिया गया है और अब पिलर गाड़े जा रहे हैं.



इसके बाद बाउंड्री वॉल निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. इसकी निविदा प्राप्त हो चुकी है. परियोजना की देखरेख कर रही एचएससीसी (इंडिया) लिमिटेड के प्रतिनिधि सुभाष शर्मा ने बताया कि निर्माण से पूर्व जमीन पर पांच मीटर तक मिट्टी भराई की आवश्यकता होगी.



जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने बैठक में सुझाव दिया कि एम्स परिसर को जलजमाव से बचाने के लिए चारों ओर रिंग बांध बनाया जाए. साथ ही, परिसर से पानी की निकासी सुनिश्चित करने के लिए संप हाउस का निर्माण करने की योजना भी प्रस्तावित की गई है. मिट्टी भराई के लिए प्रदेश सरकार ने 309.29 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. साथ ही नजदीकी नदियों की गाद के उपयोग के लिए विभाग ने अनापत्ति भी दी है.



बैठक में दरभंगा एम्स के लिए पावर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर भी चर्चा हुई. ग्रिड स्टेशन की स्थापना पर लगभग 347 करोड़ रुपये और पावर सब स्टेशन पर 11.67 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. यह व्यवस्था एम्स परिसर की सुचारु बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.

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