बिहार प्रदेश की राजधानी पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर में बच्चों के लिए आयोजित तीन दिवसीय विशेष फिल्म महोत्सव सफलतापूर्वक समापन हो गया. इस दौरान फिल्म महोत्सव में महात्मा गांधी के जीवन और उनके विचारों पर आधारित कई फिल्में प्रदर्शित की गईं, जिसने बड़ी संख्या में बच्चों को आकर्षित किया.

महोत्सव के अंतिम दिन, गर्दनीबाग गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल और कमला नेहरू बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने ‘द पाथ ऑफ नॉन-वॉयलेंस’ और ‘चार्ली चैपलिन’ जैसी फिल्मों का आनंद लिया.


गांधीजी के विचारों की प्रासंगिकता पर जोर देने के लिए फिल्म प्रदर्शन से पहले, बापू टावर के निदेशक श्री विनय कुमार ने छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्हें प्रेरित किया. उन्होंने महोत्सव के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के विचार आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गए हैं. इन पर आधारित फिल्मों के माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी अहिंसा, नैतिकता और संवेदनशीलता जैसे मूल्यों को आत्मसात कर सकती है.



उन्होंने यह भी घोषणा की कि बापू टावर भविष्य में भी गांधीजी के जीवन और दर्शन पर आधारित फिल्म प्रदर्शन, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा. इस महोत्सव का मुख्य लक्ष्य बच्चों को गांधीजी के विचारों से जोड़ना और उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करना था.



महोत्सव के पहले दिन, मंगलवार को किलकारी बाल समूह और अन्य दर्शकों ने रिचर्ड एटनबरो की विश्व प्रसिद्ध फिल्म ‘गांधी’ देखी. वहीं, दूसरे दिन श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित ‘मेकिंग ऑफ महात्मा’ ने दर्शकों का मन मोह लिया.यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए शिक्षाप्रद रहा, बल्कि गांधीजी के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है. बापू टावर का यह प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल मानी जा रही है.


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