24 घंटे चलने वाली आमजनों की लाइफ लाइन ई रिक्सा टोटो से ठेकेदारी की वसूली बंद कराने की मांग उठाई गई है।

स्टेशन चौक, सिकडीया मोड़, पंचायती अखाड़ा, मुफस्सिल मोड़, मगध मेडिकल सहित शहर के दर्जनों जगह से 100 से 150 रुपया प्रतिदिन ठेकेदारी लेने से ई रिक्सा चालकों में भारी आक्रोश है। साथ ही साथ उनके कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा ठेकेदारी में ही चाला जाता है। जबकि इन ठेकेदारी स्थानों पर कोई भी सुविधाए उपलब्ध नहीं है। ई रिक्शा लगाने तथा खडा करने का कोई जगह नहीं है।



नेताओं ने कहा कि बिहार की राजधानी पटना में ई रिक्शा से किसी प्रकार की कोई भी ठेकेदारी नहीं लिया जाता है। इसके बाद से गया के भी ई रिक्शा चालकों में ये आशा की किरण जगी है कि यहां भी ठेकेदारी लेना बंद होगा, परंतु अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।



नेताओं ने कहा कि आज गया जिला के हज़ारों, हज़ार ई रिक्शा चालकों के स्ट्राइक से आम जन जीवन प्रभावित है। लोगों को एक जगह से दूसरे जगह आने- जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नेताओं ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन तथा गया नगर निगम से अविलंब ई रिक्शा टोटो से नित्य दिन वसूले जा रहे सैकड़ों रुपये ठेकेदारी बंद कराने की मांग दोहराई है।



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