ऑनलाइन उपस्थिति में फर्जीवाड़ा करने में पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली के शिक्षक आगे हैं. ई शिक्षा कोष से उपस्थिति बनाने में 1026 शिक्षकों की जांच की गई. इसमें 76 शिक्षकों का अलग अलग तरीके से किया गया फर्जीवाड़ा धराया.

विभागीय वीसी में इसकी समीक्षा की गई, जिले में 150 शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की गई. इसमें 12 शिक्षक एक दिन में फर्जीवाड़ा करते हुए धरे गए.



पटना में 91 शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की गई, जिसमें 17 शिक्षकों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. वैशाली में 362 शिक्षकों की ई शिक्षा कोष की उपस्थिति की जांच की गई. इसमें 9 शिक्षक फर्जीवाड़ा में धरे गए. प चम्पारण में 60 शिक्षक की उपस्थिति की जांच की गई जिसमें तीन धरे गए.



शिक्षकों की उपस्थिति का यह फर्जीवाड़ा एक-दो नहीं बल्कि महीनों से चल रहा है. पहले भी पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि कई शिक्षक एक ही कपड़े में लगातार 10-15 दिनों तक स्कूल आ रहे तो कोई गंजी में ही आ रहा. विभाग के स्तर से नवंबर से ही इन शिक्षकों की उपस्थिति की जांच हर दिन रैंडमली की जा रही है.


ऑनलाइन उपस्थिति में फर्जीवाड़े को लेकर मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों में जांच का आदेश दिया गया है, मगर बक्सर, दरभंगा समेत कई जिलों में एक भी शिक्षक की उपस्थिति की जांच नहीं की गई. इन जिलों में मधेपुरा, रोहतास, सहरसा, नालंदा, नवादा, किशनगंज, कटिहार, मधुबनी आदि जिले शामिल हैं. निलंबित शिक्षक द्वारा भी उपस्थिति बनानेका मामला सामने आया है.

गया में चार शिक्षक की उपस्थिति की जांच की गई. इसमें एक शिक्षक ऐसे धरे गए गये जो निलंबित हैं, मगर ऑनलाइन उपस्थिति बना रहे हैं. जिले में अबतक इस मामले में छह दर्जन से अधिक शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है.
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