कोविड-19 ने एक बार फिर एशिया के कई देशों में दस्तक दे दी है। सिंगापुर, चीन, हांगकांग, थाईलैंड और भारत जैसे देशों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

सिंगापुर में मई 2025 की शुरुआत में 14,000 से अधिक केस दर्ज किए गए, जबकि हांगकांग में बीते 10 हफ्तों में मामलों में 30 गुना वृद्धि देखी गई है। चीन में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट दोगुनी हो गई है और थाईलैंड में सोंगक्रान उत्सव के बाद संक्रमण में उछाल आया है।


भारत में अब तक 257 सक्रिय मामले सामने आए हैं, जो मुख्य रूप से केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों से हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।


इस नई लहर के लिए ओमिक्रॉन के JN.1 वैरिएंट और इसके सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है। दिसंबर 2023 में WHO ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। यह तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, लेकिन घातक नहीं है। भारत में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।


अधिकतर मरीजों को हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश या शरीर में दर्द महसूस हो रहा है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में फिलहाल कोविड की कोई बड़ी लहर नहीं है, लेकिन सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर इम्युनिटी वाले लोग—जैसे कि बुजुर्ग, बच्चे और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग—बूस्टर डोज़ लेने पर विचार करें। सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में बूस्टर डोज़ की सिफारिश की जा रही है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी पिछली डोज़ या संक्रमण को छह महीने से अधिक हो चुके हैं।

भारत में भी यदि आप इन प्रभावित देशों की यात्रा करने जा रहे हैं तो बूस्टर डोज़ लेना एक सही निर्णय हो सकता है। WHO के अनुसार, XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर वैक्सीन JN.1 वैरिएंट के खिलाफ 19% से 49% तक सुरक्षा प्रदान कर सकती है। स्वस्थ लोगों के लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन मास्क पहनना, हाथ धोना और लक्षण दिखने पर टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। सही सावधानी और जागरूकता से इस लहर को भी काबू में रखा जा सकता है।
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