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स्थानीय “हैंडलर्स ” को मादक पदार्थ सौंपते हैं स्मगलर

नेपाल बॉर्डर से उत्तर बिहार तक फैले ड्रग्स सप्लाई के नेटवर्क को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) व जिला पुलिस की टीम सुराग जुटा रही है.

बीते दिनों अहियापुर थाना क्षेत्र में 2.50 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं, जिससे तस्करी के इस संगठित नेटवर्क का खुलासा हो रहा है.

पुलिस और एनसीबी की संयुक्त टीम नेपाल से भारत आने वाले संभावित रूट्स और तस्करी में संलिप्त छोटे-बड़े नेटवर्क की पहचान में जुटी है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस पूरे नेटवर्क के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया जाएगा.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, नेपाल बॉर्डर से सटे सीतामढ़ी, मधुबनी और पूर्वी चंपारण जिलों में सक्रिय मादक पदार्थ तस्करों की सूची तैयार की जा रही है. इन जिलों के जरिए नेपाल से मादक पदार्थों की खेप भारत में लाई जाती है.

नेपाल बॉर्डर पार कर बड़े तस्कर स्थानीय “हैंडलर्स ” को मादक पदार्थ सौंपते हैं, जो बाद में इन्हें मुजफ्फरपुर के रास्ते दिल्ली, कोलकाता समेत देश के कई बड़े महानगरों में सप्लाई करते हैं.

चौंकाने वाली बात यह है कि मादक पदार्थों के इस अवैध कारोबार में दर्जनों महिलाएं भी लंबे समय से सक्रिय हैं. एनसीबी की जांच में यह बात सामने आई है कि महिलाएं तस्करी की गतिविधियों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जिससे जांच एजेंसियां उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

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