बिहार में भूमि सर्वेक्षण के बीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व में किए गए बदलैन को अब आधार माना जायेगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट ने आज बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2025 की स्वीकृति दी गई है. बिहार भूमि सर्वेक्षण के दौरान भू राजस्व विभाग को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने इस समस्या का निराकरण करते हुए आज कानून में संशोधन कर दिया है.


राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एजेंडे में बताया गया है कि बिहार में रैयती एवं अन्य प्रकार की भूमि का नया अधिकार अभिलेख (खतियान) एवं भू मानचित्र (नक्शा) निर्मित किया जा रहा है.



भूमि के सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती के क्रम में यह महसूस किया गया है कि सर्वेक्षण में 100 फीसदी शुद्धता, पारदर्शिता एवं गतिशीलता सुनिश्चित करना जरूरी है. इसके लिए बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन नियमावली 2012 के अंतर्गत खानापूरी दल को अन्य तथ्यों के साथ-साथ मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व से क्रियान्वित बदलैन को भी आधार मानने संबंधी प्रावधान किया जाना उचित है. ऐसे में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त संशोधन नियमावली 2025 की स्वीकृति दी जाती है.


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